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Dr Ajay Kumar: लोगों की जान से कर रही है खिलवाड़ कर रही एनडीए की सरकार : डॉ. अजय कुमार

by Rakesh Pandey
Dr Ajay Kumar
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जमशेदपुर/Dr Ajay Kumar: पूर्व सांसद सह कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सदस्य डॉ. अजय कुमार ने शनिवार को परिसदन में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एनडीए की सरकार संवेदनहीन हो चुकी है। रेल दुर्घटनाओं में लोगों की जाने जा रही हैं और रेल मंत्री रील बनाने में व्यस्त हैं। एनडीए सरकार पूरी तरह से जनहित के मुद्दों से डिरेल हो गई है।

उन्होंने कहा कि 2019 में मोदी जी ने कहा था, मैं देश को गारंटी देता हूं कि अगले पांच साल में वे भारतीय रेलवे में ऐसा बदलाव देखेंगे जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी।

सच में आज उनका हर एक कथन सत्य हो गया है। ये रेल दुर्घटनाएं अकल्पनीय हैं। 

कंचनजंगा एक्सप्रेस व डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की दुर्घटना ने फिर साबित कर दिया है कि इस सरकार को आम जनता के जीवन की कोई परवाह नहीं है। और तो और रेलवे मंत्री रील बनाने में व्यस्त हैं और लोगों की सुरक्षा पर चर्चा करने के लिए उनके पास समय नहीं है। जुलाई 2021 से रेल सह रील मंत्री के रूप में अश्विनी वैष्णव का कार्यकाल अधिकतम प्रचार सोशल मीडिया पर दिखावा और शून्य जवाबदेही का कार्यकाल रहा है।

डॉ. अजय ने कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक मालगाड़ी की चपेट में आने के बाद सोमवार को सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस के पीछे के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे दस से अधिक लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक अन्य घायल हो गए।

कंचनजंगा रेल हादसे पर सीसीआरएस (चीफ कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि

– स्वचालित सिग्नल की खराबी-(जब हादसा हुआ, उसके 3 घंटे पहले से सिग्नल खराब था)

-लोको पायलट और ट्रेन प्रबंधक के पास वॉकी-टॉकी जैसे महत्वपूर्ण सुरक्षा उपकरण की अनुपलब्धता

-परिचालन प्रबंधन में खामियाँ

– लोको पायलट के पास कोई उचित प्रशिक्षण नहीं था।

– ऑटोमेटिक ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (कवच) लगाने की सिफारिश

उन्होंने कहा कि 2021 में आई सीएजी (कंट्रोलर एंड अ ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट में बताया गया है कि

रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए ‘राष्ट्रीय

रेल संरक्षा कोष’ (आरआरएसके) बनाया था, जिसमें 5 साल के लिए 1 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। टैक्स पेयर्स के इस पैसे का इस्तेमाल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाना था, लेकिन रेलवे के अधिकारी इस पैसे को खुद पर खर्च कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि इस फंड का इस्‍तेमाल गैर-जरूरी चीजों पर किया गया।

अब इन गैर-जरूरी चीजों की लिस्‍ट भी देख लीज‍एि …

* फुट मसाजर

* जैकेट

* फर्नीचर

* महंगी क्रॉकरी

* किचन का सामान

* इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

* लैपटॉप

डॉ. अजय केंद्र सरकार से पूछा कि कहां है रेलवे का जीरो एक्सीडेंट टारगेट वाला सुरक्षा ‘कवच’?- आखिर रेलवे का कवच रेल यात्रियों की सुरक्षा के काम क्यों नहीं आ पा रहा है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कवच एंटी-कोलिजन सिस्टम को पूरे भारत में सभी मार्गों पर शीघ्रता से स्थापित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हाल में जितने भी एक्सीडेंट हुए हैं, सबमें सरकार एक ही रट लगा रही है- कवच नहीं था, अरे भाई! मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के 1,08,000 करोड़ रुपये के आगे सभी ट्रेन में सुरक्षा कवच की लागत सिर्फ 63,000 करोड़ रुपये है, तो फिर मोदी सरकार) इसमें देरी क्यों कर रही है?

कवच तो लग नहीं रहा..बुलेट ट्रेन चलाने की बात कर रहे हैं!

डॉ. अजय ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मोदी जी स्टेशन सुंदर बनवा रहे हैं, लेकिन ड्राइवर के पास वॉकी-टॉकी तक की सुविधा नहीं है।

राहुल गांधी ने लोको पायलटों से मुलाकात की थी और उन्होंने उनके सामने आने वाली समस्या को सरकार के सामने उठाया था, लेकिन मोदीजी ने अनसुना कर दिया।

उन्होंने कहा कि स्टेशन सुंदर बनाओ, और वरिष्ठ नागरिकों और मीडियाकर्मियों का टिकट रियायत खत्म कर दो।

आज तो हर एक मध्यम वर्ग और गरीब ट्रेन में चढ़ने से पहले दो बार सोचता है। ऐसा लगता है कि ट्रेन पर चढ़े तो भाई! जिंदा मंजिल तक पहुंचेंगे या नहीं। केवल सोशल मीडिया पर दिखावा और शून्य जवाबदेही का काल रहा है।

अगस्त 2021 से ट्रेन दुर्घटनाओं और सुरक्षा मुद्दों के कारण 329 लोगों की जान चली गई।

पिछले 10 सालों में हुए कुछ बड़े रेल हादसे

– 26 मई, 2014 : गोरखधाम एक्सप्रेस : 25 मौत-50 से ज्यादा घायल

-20 मार्च 2015 : जनता एक्सप्रेस : 58 मौत- 150 से ज्यादा घायल

– 20 नवंबर, 2016 : इंदौर-पटना एक्सप्रेस : 150 मौत- 150 से ज्यादा घायल

– 21 जनवरी 2017 : हीराकुड एक्सप्रेस : 41 मौत- 68 से ज्यादा घायल

– 18 अगस्त 2017 : पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस : 23 मौत- 60 घायल

– 23 अगस्त 2017 : कैफियत एक्सप्रेस : 70 लोग घायल

– 2 जून 2023 : बालासोर रेल हादसा : 296 मौत- 900 से ज्यादा घायल

– 17 जून 2024 : कंचनजंगा एक्सप्रेस : 15 मौत- 60 से ज्यादा घायल

– 18 जुलाई 2024 : डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस : 4 मौत, कई घायल

 

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