जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया (Dumariya) प्रखंड में एक गंभीर मामला सामने आया है। यहां के ग्राम प्रधान ने 12 परिवार को बहिष्कृत कर दिया है। इससे पूरे गांव में भय का माहौल बना हुआ है। इसकी जानकारी सांसद विद्युत वरण महतो व उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री तक पहुंची तो इस मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। उपायुक्त ने बीडीओ सह अंचल अधिकारी चंचला कुमारी को जांच का निर्देश दिया है। ताकि मामला स्पष्ट हो सकें और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाए।
क्या है मामला: Dumariya
डुमरिया (Dumariya) प्रखंड स्थित छोटा अस्ति गांव के 12 परिवार को ग्राम प्रधान ने सामाजिक व धार्मिक कार्यों से बहिष्कृत कर दिया है। इसकी जानकारी उपायुक्त को हुई तो उन्होंने गुरुवार को अपने कार्यालय में इन परिवारों से मुलाकात की।
Dumariya के पीड़ित परिवारों ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा आवश्यक कार्यों के लिए जरूरी दस्तावेजों में हस्ताक्षर करने से मना किया जा रहा है। उनके बच्चों को गांव के अन्य परिवार के बच्चों के साथ खेलने, स्कूल आने-जाने सहित अन्य सामान्य गतिविधियों में बहिष्कृत किया जा रहा है।
होगी सख्त कार्रवाई
डीसी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और बीडीओ को जांच का निर्देश दिया है। इस दौरान ग्रामीणों को पहले समझाया जाएगा कि ऐसे कार्य विधि संगत नहीं है। इसके बावजूद भी नहीं माने तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी। डीसी ने ग्रामीणों से जानकारी ली की उनके पास आयुष्मान कार्ड है या नहीं। सर्वजन पेंशन का लाभ मिलता है या नहीं।
सांसद ने कहा-दो माह से चल रहा इनका बहिष्कार
सांसद विद्युत वरण महतो ने बताया कि पूरा गांव संथाल आदिवासियों का है। यह मामला अभी सामने आया है, जबकि बहिष्कार लगभग दो माह से चल रहा है। इन परिवारों ने सोहराय पर्व समय से पूर्व मना लिया था, जिस पर ग्राम प्रधान रूपाई हांसदा ने टोका था। इसके बावजूद ये परिवार अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हैं। इसके बाद ग्राम प्रधान सहित अन्य संथाल परिवारों ने इन 12 परिवारों का बहिष्कार कर दिया है, जो उचित नहीं है।
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