Dumka (Jharkhand) : झारखंड के दुमका जिले में शिकारीपाड़ा प्रखंड के मलूटी पंचायत अंतर्गत बांकीजोड़ गांव में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसे में युवक और एक मवेशी की मौत हो गई।हादसा उस समय हुआ जब गांव के 22 वर्षीय बणेश्वर मरांडी अपनी भैंस को चराने खदान क्षेत्र के पास ले गया और बिजली के पोल में करंट की चपेट में आ गया।
बिना इंसुलेटर वाले पोल से हो रही थी हाई वोल्टेज बिजली सप्लाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिस बिजली के पोल से यह घातक करंट फैला, उससे 11 हजार वोल्ट की हाई वोल्टेज लाइन गांव और खदान दोनों स्थानों पर सप्लाई की जा रही थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पोल पर किसी प्रकार का इंसुलेटर नहीं लगा था।यह पोल खदान संचालक अमरदीप द्वारा अपने कार्यालय तक बिजली पहुंचाने के लिए उपयोग किया जा रहा था, लेकिन इसके लिए अलग पोल का इस्तेमाल नहीं किया गया, जो बिजली विभाग की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को दर्शाता है।
भैंस को बचाने में गई युवक की जान
मंगलवार को बणेश्वर मरांडी जब अपनी भैंस को चराने के लिए खदान के समीप ले गया, तो भैंस लोहे की रॉड के संपर्क में आ गई, जो बिजली पोल से जुड़ी हुई थी।भैंस छटपटाने लगी और जब बणेश्वर उसे बचाने दौड़ा, तो वह भी करंट की चपेट में आ गया।मौके पर ही उसकी मौत हो गई, जबकि भैंस की भी जान नहीं बच सकी।
झारखंड आंदोलनकारी का बेटा था मृतक, ग्रामीणों में आक्रोश
बणेश्वर मरांडी, झारखंड आंदोलनकारी स्वर्गीय चरण मरांडी का बेटा था।इस हादसे के बाद गांव में गहरा आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने इसे बिजली विभाग और खदान मालिक की घोर लापरवाही करार देते हुए कार्रवाई की मांग की है।
परिजनों ने दर्ज कराई प्राथमिकी, पुलिस कर रही जांच
मृतक के छोटे भाई नागेश्वर मरांडी ने इस घटना को लेकर बिजली विभाग और खदान संचालक अमरदीप के खिलाफ शिकारीपाड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और फिर परिजनों को सौंप दिया गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।