जमशेदपुर : जमशेदपुर सहित झारखंड के निजी स्कूल अगर मनमानी कर रहे हैं, तो यह उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं है। सरकार की ओर से स्कूलों की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है, जो स्कूल मनमानी कर रहे हैं और नियम-कानून की अनदेखी कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। अगले तीन महीने में पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। यह कहना है झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का। वे रविवार की दोपहर साकची के बाराद्वारी में एक पैथोलॉजी लैब के उद्घाटन के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
25 मार्च को झारखंड विधानसभा में हजारीबाग के भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था कि समान शिक्षा, समान फीस पर क्यों उपलब्ध नहीं है। क्या सरकार को राज्य में एक ही बोर्ड के सभी निजी स्कूलों के लिए एक समान फीस तय करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार कोई सीमा तय नहीं कर पाती है, तो गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने का मौका नहीं मिलेगा ।
उन्होंने यह भी कहा कि निजी स्कूलों में इतनी विलासिता की क्या जरूरत है। सभी स्कूलों को सिर्फ अच्छी कक्षाएं, बाथरूम और उचित शिक्षा की जरूरत होती है। इसके जवाब में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी निजी स्कूल स्वतंत्र हैं, लेकिन पूरे स्कूल को चलाने का अधिकार केवल जिलास्तरीय समिति को है।
अगर निजी स्कूलों द्वारा री-एडमिशन के नाम पर फीस वसूलने के बारे में जिलास्तरीय समिति के पास कोई शिकायत दर्ज कराई जाती है, तो सरकार निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि फीस का निर्धारण समिति द्वारा किया जाता है। यदि स्कूल समिति द्वारा कोई अनियमितता की जाती है, तो उसे जिलास्तरीय समिति के समक्ष लाया जाता है, जिसकी अध्यक्षता संबंधित जिलों के उपायुक्त करते हैं। मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में यह कानून बना है और इसी के तहत निजी स्कूल चलेंगे। जो नहीं चलाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।