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Ukraine Electricity Crisis : रूस के हमलों से यूक्रेन में बिजली संकट: आधे देश में अंधेरा और परमाणु बिजलीघर पर बढ़ा संकट

कीव में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही पहली बर्फबारी हुई, जो यूक्रेनवासियों के लिए एक और मुश्किल दौर की शुरुआत को दर्शाती है। हमलों में DTEK के तीन बिजली स्टेशनों को भारी नुकसान हुआ है, और इनमें से एक अभी भी पूरी तरह से ऑफलाइन है।

by Rakesh Pandey
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कीव: रूस द्वारा यूक्रेन पर ताजा हमलों के बाद से देश की बिजली व्यवस्था एक बार फिर से बुरी तरह प्रभावित हुई है। यूक्रेनी बिजली दिग्गज DTEK के स्वामित्व वाले पांच में से तीन थर्मल पावर प्लांटों को निशाना बनाया गया है, जिनमें से एक अब भी ऑफलाइन है। इन हमलों से यह स्पष्ट हो गया है कि यूक्रेन की ऊर्जा प्रणाली, जो पहले से ही युद्ध के कारण परेशान थी, अब और अधिक संकट में है।

हमलों का असर: ऊर्जा संकट की ओर एक और कदम

DTEK, जो यूक्रेन का सबसे बड़ा निजी बिजली उत्पादक है, पहले देश की बिजली की जरूरतों का लगभग एक चौथाई हिस्सा पूरा करता था। हालांकि, युद्ध की शुरुआत के बाद से यह कंपनी लगातार रूस के हमलों का शिकार हो रही है। इस वर्ष मार्च में, युद्ध के चलते हुए नुकसान के बावजूद, कंपनी ने अपने थर्मल पावर प्लांटों को फिर से चालू किया था। लेकिन हाल ही में, रूस ने 200 से अधिक मिसाइलों और ड्रोन हमलों की बौछार की, जिससे ऊर्जा संकट और भी गंभीर हो गया।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इन हमलों ने यूक्रेन के लगभग 40 प्रतिशत हिस्से को अंधेरे में डुबो दिया है। कीव में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही पहली बर्फबारी हुई, जो यूक्रेनवासियों के लिए एक और मुश्किल दौर की शुरुआत को दर्शाती है।

DTEK के बिजली स्टेशनों पर हुआ नुकसान

DTEK के तीन बिजली स्टेशनों को भारी नुकसान हुआ है, और इनमें से एक अभी भी पूरी तरह से ऑफलाइन है। दो अन्य स्टेशनों ने आंशिक रूप से बिजली उत्पादन फिर से शुरू किया है, लेकिन इनकी क्षमता सीमित है। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन स्टेशनों को पूरी तरह से ठीक करने में कितना समय लगेगा। राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रविवार को कहा कि ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है, हालांकि उन्होंने इसके विस्तार से विवरण नहीं दिया।

कीव की सरकार अक्सर ऊर्जा सुविधाओं पर हुए नुकसान के बारे में जानकारी देने से बचती है, ताकि रूस इस जानकारी का उपयोग अपने भविष्य के हमलों को और प्रभावी बनाने के लिए न कर सके। एक नाम न बताने की शर्त पर एक ऊर्जा अधिकारी ने मीडिया से कहा कि रूस ने बिजली उत्पादन सुविधाओं के साथ-साथ वितरण स्टेशनों को भी निशाना बनाया है। इससे यह स्पष्ट हो गया कि रूस का उद्देश्य केवल बिजली उत्पादन को रोकना नहीं, बल्कि पूरे ऊर्जा वितरण प्रणाली को बाधित करना था।

कुकर: एक और मुश्किल सर्दी

यूक्रेनी अधिकारियों ने सोमवार को घोषणा की कि आगामी दिनों में पूरे देश में घंटों तक बिजली कटौती हो सकती है। यह घटना 2022 में रूस द्वारा किए गए हमलों की यादें ताजा कर देती है, जब पूरे यूक्रेन में पानी और बिजली की आपूर्ति कई दिनों तक प्रभावित रही थी। उस समय की सर्दी ने लोगों के जीवन को और कठिन बना दिया था। अब फिर से युद्ध की सर्दी शुरू हो रही है, और अधिकारियों का कहना है कि रूस के पास सैकड़ों मिसाइलें जमा हैं, जिन्हें वह आगे के हमलों के लिए इस्तेमाल कर सकता है।

रूस की रणनीति और यूक्रेन का संकट

यूक्रेनी अधिकारियों का मानना है कि रूस ने अपनी सेना को पुनः संगठित किया है और वह और अधिक हमले करने के लिए तैयार है। वे चेतावनी दे रहे हैं कि रूस के हमलों से ऊर्जा संकट और भी गहरा सकता है। उनका कहना है कि रूस ने भय और दहशत फैलाने के लिए अपने हमलों की रणनीति को और अधिक बढ़ाया है, और यह पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर संकट बन सकता है।

इस संकट से जूझते हुए, यूक्रेन को अब केवल अपनी ऊर्जा प्रणाली को बहाल करने के लिए नहीं, बल्कि रूस की रणनीतिक योजनाओं का मुकाबला करने के लिए भी सतर्क रहना होगा। DTEK जैसे प्रमुख ऊर्जा उत्पादकों के लिए यह युद्ध एक असाधारण चुनौती बन गई है, और यूक्रेनी सरकार और उसके नागरिकों को इसके प्रभावों से उबरने में लंबा समय लग सकता है।

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