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Ex-Servicemen Conference in Jharkhand : राष्ट्र के प्रति समर्पण, अनुशासन और सेवा भावना के प्रतीक हैं पूर्व सैनिक : राज्यपाल

by Anand Mishra
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रांची : राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने रविवार को रांची के गुरुनानक स्कूल सभागार में आयोजित अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के ‘पूर्व सैनिक महासम्मेलन’ के समापन पर बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि पूर्व सैनिक राष्ट्र के प्रति समर्पण, अनुशासन और सेवा भावना के प्रतीक होते हैं। उनका योगदान समाज और राष्ट्र के लिए अनुकरणीय है, जो हमेशा प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

पूर्व सैनिकों का योगदान और प्रेरणा

राज्यपाल ने कहा, “हमारे देश के पूर्व सैनिकों ने सीमाओं पर अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की है और वे आज भी समाज के लिए प्रेरणा का प्रतीक हैं। उनका अनुशासन, साहस और समर्पण हम सभी के लिए मार्गदर्शन है।” उन्होंने अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद को बधाई देते हुए कहा कि इस संस्था ने वीर सैनिकों को एकजुट किया है, जिससे वे समाज और राष्ट्र की सेवा में निरंतर योगदान दे सकते हैं।

राज्यपाल ने यह भी कहा कि सैनिकों का योगदान केवल युद्धक्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहा। 1965, 1971 और कारगिल युद्ध के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं में भी उनका योगदान अहम रहा है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू की गई “वन रैंक, वन पेंशन” जैसी योजनाओं से पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को वित्तीय स्थिरता प्राप्त हुई है, जिससे सरकार की प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता भी सामने आई है।

पूर्व सैनिकों के योगदान की विविधता

राज्यपाल ने यह बात भी कही कि पूर्व सैनिकों का अनुशासन और नेतृत्व कौशल अब विभिन्न क्षेत्रों में समाज की प्रगति में सहायक बन सकता है। शिक्षा, ग्रामीण विकास और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के बच्चों की शिक्षा, परिवारों की सुरक्षा और उनके लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।

राज्यपाल ने यह स्पष्ट किया कि पूर्व सैनिक सिर्फ अतीत के रक्षक नहीं, बल्कि हमारे वर्तमान और भविष्य के निर्माता भी हैं। उनके सम्मान और गरिमा की रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है, जो राष्ट्र के प्रति सच्ची सेवा का प्रमाण है।

झारखंड में संगठन की सफलता

राज्यपाल ने झारखंड में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद की सफलता की सराहना की। उन्होंने बताया कि यह संगठन अब राज्य के 11 जिलों में सक्रिय है और पूर्व सैनिकों के अधिकारों की रक्षा के साथ-साथ समाज के वंचित वर्गों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

उन्होंने सैनिकों के परिवारों के अद्वितीय समर्थन की सराहना की और कहा कि उनके त्याग और धैर्य से पूरा समाज प्रेरणा प्राप्त करता है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि सैनिक परिवार कल्याण न्यास, जो शहीदों के परिवारों और आश्रितों की देखभाल करता है, एक सराहनीय कार्य कर रहा है। राज्यपाल ने अंत में पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों से कहा कि उनका संघर्ष और समर्पण कभी व्यर्थ नहीं जाएगा और पूरा देश उनके साथ खड़ा है।

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