खगड़िया : भारतीय जाली नोटों के कारोबार में संलिप्त एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने खगड़िया जिले में छापेमारी कर आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम मो. जिशान बदर है, जो खगड़िया के गोगरी थाना क्षेत्र के राटन गांव का निवासी है।

इस छापेमारी के दौरान पुलिस ने जिशान के पास से ऐसे कागजों के बंडल बरामद किए हैं जिन पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का चिह्न और महीन सिल्वर धागा लगा हुआ था। यह कागज नकली नोटों की छपाई के लिए इस्तेमाल किया जाना था।
Bihar Crimes: सिंगापुर से मंगवाए गए थे खास कागज
सूत्रों के अनुसार, जिशान बदर ने सिंगापुर से इन हाई सिक्योरिटी कागजों का आयात किया था। यह कागज भारतीय नोटों की छपाई के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए थे, जो सामान्य कागज से कहीं अधिक सुरक्षित होते हैं और इन पर आरबीआई की मुहर जैसी सुरक्षा सुविधाएं होती हैं। जानकारी के मुताबिक, जिशान ने इस कागज की खेप को इस साल जनवरी में नई दिल्ली एयरपोर्ट पर मंगवाया था। इसके बाद इसे कूरियर के जरिए अपने घर राटन गांव भेजने की योजना बनाई थी।
Bihar Crimes: पहले भी मंगवा चुका है कागजों के बंडल
डीआरआई के अधिकारियों ने कस्टम विभाग के साथ मिलकर इस खेप को जब्त कर लिया और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। जांच में यह भी सामने आया है कि जिशान पहले भी इस प्रकार के हाई सिक्योरिटी कागजों की खेप मंगवा चुका था, जो जाली नोटों के निर्माण में इस्तेमाल हो सकते थे।
Bihar Crimes: जिशान बदर की गिरफ्तारी और आगे की जांच
डीआरआई की टीम ने जिशान बदर को खगड़िया जिले के गोगरी थाना क्षेत्र के राटन गांव से गिरफ्तार किया और पूछताछ के बाद उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। अब इसे जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। जिशान के खिलाफ जाली नोट बनाने के लिए कागजों की तस्करी, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों, और अन्य संगीन आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Bihar Crimes: बड़े नेटवर्क के शामिल होने की आशंका
डीआरआई की यह कार्रवाई एक बड़े नेटवर्क को उजागर करने का संकेत देती है, जिसमें कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों और इसके संभावित आतंकी कनेक्शन की जांच कर रही है।
Bihar Crimes: जाली नोट बनाने के लिए तस्करी का नेटवर्क
जिशान बदर का यह गिरोह भारतीय नोटों की नकली छपाई के लिए अत्यधिक सुरक्षित कागजों की तस्करी कर रहा था। इन कागजों पर आरबीआई का चिन्ह और सिल्वर धागा लगा हुआ था, जो वास्तविक भारतीय नोटों के समान होते हैं। यह कागज खासकर जाली नोटों की छपाई में इस्तेमाल होते हैं और इनके माध्यम से नकली करेंसी का प्रसार किया जाता है। डीआरआई ने बताया कि यह खेप पहले भी गोगरी में जिशान के पते पर मंगवाई जा चुकी थी।
Bihar Crimes: और जानकारी जुटा रहे डीआरआई के अधिकारी
डीआरआई के अधिकारियों का कहना है कि अब इस सिंडिकेट के अन्य सदस्य और उनके द्वारा किए गए नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इसके अलावा, डीआरआई ने यह भी कहा कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी और उनके कनेक्शनों के बारे में और अधिक जांच की जा रही है, ताकि इस पूरे सिंडिकेट का पता चल सके।
Bihar Crimes: इलाके में सनसनी, छापेमारी से हड़कंप
डीआरआई की इस रेड ने इलाके में सनसनी मचा दी है। पुलिस और जांच एजेंसियों के एक साथ काम करने से इस बड़े अपराध का पर्दाफाश हुआ है। इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों में भी चर्चा है, क्योंकि जाली नोटों के कारोबार से ना केवल भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है। नकली नोटों के कारोबार के खिलाफ इस तरह की कार्रवाइयों से उम्मीद जताई जा रही है कि इस नेटवर्क को पूरी तरह से नष्ट किया जा सके और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।