रांची: झारखंड राज्य विद्युत कर्मचारी मास्टर ट्रस्ट के वरीय प्रबंधक (वित्त एवं लेखा) की ओर से दिए गए आवेदन के आधार पर 4 अक्टूबर 2024 को एक फर्जी खाता से 56.50 करोड़ रुपये की निकासी के मामले में शिकायत दर्ज कर सीआईडी द्वारा जांच शुरू की गई थी। इस मामले में सीआईडी थाना कांड संख्या-44/24, दिनांक 19 अक्टूबर 2024 को धोखाधड़ी और गबन के आरोप में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
मामले की गंभीरता
सतर्कता से जांच करने के बाद पुलिस महानिरीक्षक, झारखंड द्वारा सीआईडी में दर्ज किए गए जेटीडीसी और बिजली विभाग से संबंधित गबन मामलों की जांच की जिम्मेदारी आतंकवाद निरोधी दस्ता (SIT) को सौपी गई। SIT द्वारा की जा रही जांच में कई अहम सुराग सामने आए हैं, जिनकी सहायता से आरोपी पकड़े गए हैं और करोड़ों रुपये की बरामदगी हुई है।
जांच में हुए अहम खुलासे
- नकद बरामदगी: सीआईडी थाना कांड संख्या-44/24 के तहत SIT द्वारा की गई कार्रवाई में 20 जनवरी 2025 को सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के बिरसा चौक शाखा के ब्रांच मैनेजर लोलस लकड़ा की निशानदेही पर 60 लाख रुपये नकद बरामद किए गए।
- बैंकों से धन की रिकवरी: इसी क्रम में SIT ने लोकेश्वर शाह की निशानदेही पर विभिन्न बैंकों से 76,38,000 रुपये की राशि को फिज किया है।
- गिरफ्तारी: 16 जनवरी 2025 को श्रवण कुमार शर्मा को बिहार के सिवान जिले से गिरफ्तार किया गया। आरोपी के पास से अपराध में प्रयुक्त मोबाइल और सिम कार्ड बरामद किया गया, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है।
अब तक की बरामदगी और गिरफ्तारी
इस मामले में SIT द्वारा किए गए अनुसंधान में कुल चार अलग-अलग कांडों की जांच की गई है। अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और 1.83 करोड़ रुपये नकद तथा 16.7 लाख रुपये के आभूषण बरामद किए गए हैं। कुल मिलाकर 47,96,38,000 रुपये विभिन्न खातों में फिज किए गए हैं।
अग्रतर अनुसंधान जारी
हालांकि, यह पूरे मामले की जांच अभी जारी है और SIT द्वारा आगे भी आरोपी पकड़ने तथा अन्य गबन की रकम की बरामदगी के लिए कार्रवाई की जा रही है। इस घोटाले ने झारखंड में सरकारी धन के गबन और फर्जी खाता खोलकर धोखाधड़ी करने की गंभीरता को उजागर किया है, जिससे राज्य के विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
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