गोरखपुर : भोजपुरी एवं हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार रविंद्र श्रीवास्तव “जुगानी भाई” का 83 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनका मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था। रविंद्र श्रीवास्तव के निधन से साहित्यिक वर्ग में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका अंतिम संस्कार दोपहर 3 बजे राजघाट पर किया जाएगा।
विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती हैं रचित कविताएं
‘जुगानी भाई’ के नाम से प्रख्यात रविंद्र श्रीवास्तव आकाशवाणी गोरखपुर में बतौर कार्यक्रम अधिशासी अधिकारी के रूप में पदास्थापित रहे। उनकी कई कविताएं कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित हैं। दीनदयाल उपाघ्याय गोरखपुर विश्विवद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर शोध संपन्न किया जा चुका है। वे लंबे अरसे तक भोजपुरी के उत्थान के लिए विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लिखते रहे। प्रसिद्ध समाचार पत्र राष्ट्रीय सहारा में 17 वर्षों तक उनका भोजपुरी स्तम्भ ‘बेंगुची चललि ठोंकावे नाल’ खासा प्रसिद्ध रहा।

‘जुगानी भाई’ की संक्षिप्त जीवनी
जुगानी भाई का जन्म गोरखपुर जनपद के ग्राम-भवाजीतपुर (पंचगांवां) पोस्ट-ऊंचगांव में 12 मई, 1942 को हुआ। उनकी माता का नाम सरस्वती देवी और पिता का नाम सर्वदेव लाल श्रीवास्तव था। उनका विवाह कामिनी श्रीवास्तव से हुआ था। उन्होंने परास्नातक (प्राचीन इतिहास), बीएमएस में शिक्षा प्राप्त की थी।
‘जुगानी भाई’ की प्रकाशित कृतियां
जुगानी भाई की प्रकाशित कृतियों में मोथा अउर माटी (काव्य-संग्रह), गीत गांव-गांव (काव्य-संग्रह), नोकियाति दुबि (काव्य-संग्रह), अखबारी कविता (काव्य संग्रह), फुन्सियात सहर (काव्य-संग्रह), अगली बगली (गद्य-संग्रह), खिरकी त खोलों (काव्य-संग्रह) लेट द विण्डो बी ओपेण्ड (अंग्रेजी अनुवाद), भोजपुरी कवितई कऽ पंचामृत (काव्य-संग्रह), ई कइसन घवहा सन्नाटा (काव्य-संग्रह), गोरखपूरियत के बहाने (गद्य-संग्रह), अबहिन कुछ बाकी बा (भोजपुरी काव्य संग्रह), कलम बना के बाँसुरी (काव्य-संग्रह) आ भोजपुरी कs बेटा (मानग्रंथ) शामिल हैं।
‘जुगानी भाई’ को प्राप्त सम्मान
‘जुगानी भाई’ को संस्कार भारती सम्मान-2001, लोक भूषण सम्मान-2002. भोजपुरी-रत्न सम्मान लखनऊ-2004, भोजपुरी वैभव सम्मान दिल्ली-2005. लोकरत्न सम्मान (गुरुहनुमान संस्थान), भोजपुरी विभूषण सम्मान मुम्बई-2005, चेतना कवि सम्मान-2006, सरयू रत्न सम्मान-2011, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा राहुल सांकृत्यायन सम्मान-2012, भिखारी ठाकुर सर्जना सम्मान-2015, लोक भूषण सम्मान-2017. श्यामनारायण पाण्डेय कविता सम्मान मऊ-2013, विद्यानिवास मिश्र लोक कवि सम्मान वाराणसी-2014, यायावरी शिखर सम्मान-2023 आदि सम्मानों से सम्मानित किया गया था।
शोक संवेदनाओं का सिलसिला जारी
उनके निधन पर कई गन्यमाण हस्तियों ने शोक जताया है। शोक जताने वालों में महापौर मंगलेश श्रीवास्तव, वेद रतन शुक्ला, केशव मोहन पांडेय, श्रीनारायण पांडेय, विजय श्रीवास्तव, प्रो. अनिल राय, आचार्य मुकेश, डीडीयू के हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. कमलेश गुप्त, प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी एवं रजनीश चतुर्वेदी और भोजपुरी की अग्रणी संस्थाओं में शुमार ‘यायावरी वाया भोजपुरी’ शामिल हैं।
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