RANCHI: भगवान बिरसा जैविक उद्यान, रांची में वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। प्राणी उद्यान अलीपुर कोलकाता और भगवान बिरसा जैविक उद्यान रांची के बीच 7 अगस्त 2025 को हुए बहुप्रतीक्षित जीव आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत एक 6 वर्षीय मादा उत्तरी जिराफ ‘मिस्टी’ और सिल्वर फीजेंट का एक जोड़ा रांची लाया गया है। उद्यान निदेशक जब्बर सिंह ने बताया कि यह आदान-प्रदान कार्यक्रम काफी समय से लंबित था और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आने वाले चरण में नर जिराफ को भी रांची लाया जाएगा, ताकि जिराफ के जोड़े को पूरा किया जा सके।
तैयार किया गया विशेष बाड़ा
मादा जिराफ ‘मिस्टी’ की ऊंचाई 12 फीट से अधिक है। इसके लिए रांची चिड़ियाघर में 14 फीट का ऊंचा विशेष बाड़ा तैयार किया गया। कोलकाता से रांची तक के लगभग 24 घंटे लंबे सफर के दौरान जिराफ को एक विशेष निम्न तल ट्रेलर में लाया गया, फिर भी उसकी जमीन से ऊंचाई 16-17 फीट रही, जिसके लिए परिवहन में सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई।
नाइट शेल्टर में मिली जगह
जिराफ के आगमन के समय झारखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक परितोष उपाध्याय भी मौजूद थे। उन्होंने नाइट शेल्टर में जिराफ को सुरक्षित उतारने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाई। इस आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत अलीपुर चिड़ियाघर को रांची से फिलहाल एक शुतुरमुर्ग भेजा गया है। आगे के चरण में दरियाई घोड़ा, हिमालयन काला भालू और घड़ियाल को भी शामिल किया जाएगा। यह पहल दोनों चिड़ियाघरों के बीच सहयोग को बढ़ाने के साथ-साथ जैव विविधता के संरक्षण और आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
उत्तरी जिराफ की ये है खासियत
उत्तरी जिराफ मुख्य रूप से अफ्रीका के पूर्वी और मध्य भागों में पाए जाते हैं और इनका जीवनकाल चिड़ियाघरों में औसतन 19-20 वर्ष तक होता है। यह शाकाहारी प्राणी वृक्षों की पत्तियां और घास खाता है।