जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत जिले के बोड़ाम, पटमदा, पोटका, गोलमुरी और जुगसलाई क्षेत्रों में फाइलेरिया रोधी दवाइयां दी जाएंगी। अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है।
स्कूलों में मिड डे मील के बाद खिलाई जाएगी दवा
फाइलेरिया, जिसे आमतौर पर हाथी पांव के नाम से जाना जाता है, मच्छरों के काटने से फैलने वाली एक गंभीर बीमारी है। इसे समाप्त करने के लिए जिला प्रशासन ने 10 फरवरी से 25 फरवरी 2025 तक दवाइयां वितरित करने का लक्ष्य तय किया है। इस अभियान के दौरान स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील के बाद फाइलेरिया रोधी दवाइयां दी जाएंगी। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मी (आशा कार्यकर्ता) घर-घर जाकर लोगों को यह दवाइयां खिलाएंगे।
आंगनबाड़ी केंद्रों में बनाए गए हैं विशेष बूथ
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने इस अभियान की सफलता के लिए जिलेवासियों से अपील की है कि वे इस अभियान में भाग लें और दवाइयों का सेवन करें, ताकि फाइलेरिया को जड़ से समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह बीमारी मच्छरों द्वारा फैलती है और इसके नियंत्रण के लिए जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है। 10 फरवरी को बोड़ाम, पटमदा, पोटका, गोलमुरी और जुगसलाई के आंगनबाड़ी केंद्रों और विद्यालयों में विशेष बूथ स्थापित किए जाएंगे, जहां लोगों को दवाई दी जाएगी।
गर्भवती महिलाओं को नहीं दी जाएगी दवा
इस अभियान के दौरान दवाइयों का सेवन उम्र के हिसाब से किया जाएगा। हालांकि गर्भवती महिलाएं, गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति और 2 साल से छोटे बच्चों को यह दवाइयां नहीं दी जाएंगी। 11 फरवरी से आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर यह दवाइयां वितरित करेंगी। उपायुक्त ने सभी नागरिकों से अनुरोध किया कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें, ताकि पूरे जिले को फाइलेरिया से मुक्त किया जा सके। इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों जैसे शिक्षा, पंचायती राज, समाज कल्याण और आपूर्ति विभाग भी पूरा सहयोग देंगे।