नोएडा : जेवर थाना क्षेत्र में तीन साल पहले बी-टेक के छात्र से पुलिस की कथित मुठभेड़ के मामले में अदालत के आदेश पर पुलिस ने 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें जेवर थाने के तत्कालीन प्रभारी अंजनी कुमार समेत अन्य पुलिसकर्मियों का नाम शामिल है। इस मामले में फरवरी 2025 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके बाद बीती रात को जेवर पुलिस ने कार्रवाई की।
क्या है पूरा मामला?
कदंब विहार के निवासी तरुण गौतम ने आरोप लगाया है कि 4 सितंबर 2022 की रात लगभग 9:45 बजे उनकी घर के बाहर बिना पंजीकरण संख्या वाली दो गाड़ियां रुकी थीं। इन गाड़ियों में सादी वर्दी में 10-12 लोग सवार थे, जिन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताया। गौतम का कहना है कि इन लोगों ने जबरन उनके घर में घुसकर तोड़फोड़ की, 22 हजार रुपये नकदी ले ली, और उनके बेटे सोमेश गौतम के बारे में पूछताछ की। जब तरुण ने बताया कि उनका बेटा दिल्ली में कोचिंग कर रहा है, तो भी पुलिसकर्मियों ने विश्वास नहीं किया और घर की तलाशी ली।
जबरन पिटाई और फर्जी मुठभेड़ का आरोप
तरुण गौतम का आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने उन्हें जबरन गाड़ी में डालकर एक अज्ञात स्थान पर ले गए और उनकी पिटाई की। अगले दिन सुबह उन्हें दिल्ली में उनके बेटे के पास ले जाया गया। गौतम के अनुसार, पुलिस ने उनके बेटे सोमेश को पकड़कर थाना जेवर लाया और उस पर झूठा अपराध कबूल करने के लिए दबाव डाला। इसके बाद सोमेश को कथित तौर पर एक फर्जी मुठभेड़ में घायल कर दिया गया।
शिकायत के बाद भी दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी
तरुण गौतम ने कहा कि कई प्रयासों के बावजूद उनकी शिकायत के आधार पर थाना जेवर में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। लेकिन अब अदालत के आदेश पर मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। थाना जेवर के प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार सिंह ने बताया कि अदालत के आदेश के बाद बीती रात इस मामले में तत्कालीन कोतवाली प्रभारी अंजनी कुमार, उप निरीक्षक राकेश बाबू, अनिरुद्ध यादव, शरद यादव, चंद वीर, सनी कुमार, नीलकांत, कांस्टेबल रोहित कुमार, कांस्टेबल भूरी सिंह, कांस्टेबल जयप्रकाश, कांस्टेबल मनोज कुमार, और कांस्टेबल छित्तर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।