पटना: बिहार में होली के अवसर पर शराब तस्करों की सक्रियता बढ़ गई है और वे शराब की अवैध खेप लाने में जुट गए हैं। पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में शराब तस्करों की बेलगाम कार ने एक बड़ी दुर्घटना को अंजाम दिया। यह हादसा देर रात पटना एम्स गोलंबर के पास हुआ, जहां तेज रफ्तार से आ रही एक कार ने बारातियों की गाड़ी को टक्कर मार दी, जिससे पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे के बाद घायलों को तत्काल एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। मौके पर मौजूद बाराती धीरेंद्र कुमार ने बताया कि हादसा होने के बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कार का पीछा किया और उसे पकड़ लिया। पुलिस ने गाड़ी से भारी मात्रा में अवैध शराब भी बरामद की है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
तेज रफ्तार कार से हुआ हादसा
देर रात पटना एम्स गोलंबर के पास एक तेज रफ्तार कार ने बारातियों की गाड़ी में टक्कर मारी। हादसे में पांच लोग बुरी तरह घायल हो गए। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद तुरंत पुलिस और एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने कार का पीछा करते हुए तस्कर को गिरफ्तार कर लिया।
बाराती धीरेंद्र कुमार ने यह भी बताया कि कार में दो अलग-अलग नंबर प्लेट थी, जिनमें एक बिहार और दूसरी झारखंड की थी। यह साफ संकेत है कि तस्करों ने इन नंबर प्लेट का इस्तेमाल छिपने के लिए किया था। पुलिस ने कार से भारी मात्रा में अवैध शराब भी बरामद की, जो किसी बड़े तस्करी रैकेट का हिस्सा हो सकती है।
गिरफ्तारी और जांच जारी
पुलिस ने कार के चालक को गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी पहचान आरा जिले के मूल निवासी और फिलहाल पटना के टी-प्वाइंट दानापुर के निवासी निखिल कुमार के रूप में हुई है। पुलिस ने इस मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह शराब की खेप कहां भेजी जा रही थी और इसके साथ कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस बीच, बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद त्योहारों के दौरान अवैध शराब की तस्करी जोरों से हो रही है, जो प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। पुलिस और प्रशासन की कोशिश है कि इस तस्करी रैकेट को जल्द से जल्द खत्म किया जाए और शराब माफियाओं को कड़ी सजा दिलवाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
बिहार में शराबबंदी का दुरुपयोग
हालांकि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन फिर भी तस्करी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। त्योहारों के दौरान शराब माफिया अपनी तस्करी बढ़ा देते हैं, जिससे न केवल कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होती है, बल्कि त्योहारों का आनंद भी प्रभावित होता है। पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तारी के बाद दावा किया है कि वे जल्द ही तस्करी रैकेट का पर्दाफाश करेंगे और इसमें शामिल सभी लोगों को पकड़ने की कोशिश करेंगे।
यह घटना इस बात का भी प्रमाण है कि शराब तस्करों की सक्रियता बढ़ रही है, और प्रशासन को शराबबंदी के बावजूद इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। बिहार सरकार को इस पर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके और राज्य में शराबबंदी के प्रभावी पालन को सुनिश्चित किया जा सके।