सेंट्रल डेस्क : क्या आज के बढ़ते भारत में कोई यह सोच भी सकता है कि कोई ऐसा भी गांव हो सकता है जहां पीने का साफ नहीं होगा? आसानी से इस पर विश्वास तो नहीं होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित चुंचुना गांव में अब तक ऐसा ही था। कुसमी विकासखंड के इस गांव को आजादी के 77 साल बाद जाकर पहली बार साफ और स्वच्छ पीने का पानी मिला है। यह उपलब्धि मोदी सरकार के जल जीवन मिशन के तहत हासिल हुई है।
नक्सल प्रभावित रहे चुंचुना में हैं 100 घर
छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित चुंचुना में लगभग 100 घर हैं। कभी नक्सलियों के प्रभाव से त्रस्त रहे इस गांव में रविवार को जब पहली बार साफ पानी नसीब हुआ तो ग्रामीणों की खुशी देखते ही बनी। गांव की महिलाएं इस विशेष अवसर पर हैंडपंप से पानी निकालते हुए खुशी जाहिर करती नजर आईं।
क्या है जल जीवन मिशन का उद्देश्य?
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन का उद्देश्य पूरे भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित, साफ और पर्याप्त पीने का पानी उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और ग्रे वाटर मैनेजमेंट जैसी स्थिरता उपायों को लागू किया जाता है, इससे जल के पुन: उपयोग और रिचार्ज की व्यवस्था सुनिश्चित होती है।
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