तिरुवनंतपुरम: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केरल में एक बड़े धोखाधड़ी मामले में राज्य भर के 12 ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी का उद्देश्य संदिग्ध दस्तावेजों और सामानों की जांच करना है। इसमें धोखाधड़ी मामले से जुड़े प्रमुख संदिग्धों और उनके प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की गई है।
ईडी ने विशेष रूप से कोच्चि में लाली विंसेंट के घर और सस्थमंगलम में आनंदकुमार के दफ्तर की जांच की है। इसके अलावा, थोंनाक्कल में साई ग्राम और इडुक्की के कोलापरा में अनंथु कृष्णन के दफ्तर की भी जांच की गई है। बताया जा रहा है कि कोलापरा में धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। इस जांच में ईडी के कोच्चि कार्यालय ने बड़ी सक्रियता दिखाई है।
जांचकर्ताओं ने उद्यम के कर्मचारियों से की पूछताछ
विशेषज्ञों का मानना है कि इस धोखाधड़ी में कई प्रमुख लोग शामिल हो सकते हैं, जिनके खिलाफ अब ईडी ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। अनंथु कृष्णन और आनंदकुमार पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। इन दोनों के नाम मामले में प्रमुख संदिग्धों के रूप में सामने आ रहे हैं। जांचकर्ताओं ने उद्यम के कर्मचारियों को बुलाकर उनसे पूछताछ भी की है और अब मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
23 खातों के माध्यम से लगभग 450 करोड़ रुपये का लेन-देन
धोखाधड़ी से जुड़ी जांच में पता चला है कि राज्य भर के विभिन्न स्थानों पर 23 खातों के माध्यम से लगभग 450 करोड़ रुपये के लेन-देन हुए थे, जिससे इस वित्तीय धोखाधड़ी का दायरा बढ़ता जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि हजारों लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं, और अब मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी गतिविधियों की संभावना भी दिखाई दे रही है।
ईडी ने इस मामले की जांच करते हुए धोखाधड़ी में संलिप्त एजेंसियों और उनके दफ्तरों का भी निरीक्षण किया है। पीड़ितों के बयान दर्ज किए गए हैं, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह धोखाधड़ी योजना एक झूठे वादे पर आधारित थी, जिसमें उपभोक्ताओं को आधे दाम पर उत्पाद देने का दावा किया गया था।
पुलिस, अपराध शाखा कर रही मामले के वित्तीय पहलुओं की जांच
कृष्णन, जो इस धोखाधड़ी के मुख्य संदिग्ध हैं, को अब दो दिनों की हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस और अपराध शाखा अब मामले के वित्तीय पहलुओं की जांच कर रहे हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस धोखाधड़ी में उच्च-स्तरीय कनेक्शन तो नहीं हैं। अनंथु कृष्णन ने जांच में सहयोग करने की इच्छा जताई है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि उन्होंने लाखों रुपये की धोखाधड़ी की है।
अपराध शाखा का कहना है कि यह एक संगठित धोखाधड़ी है, जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों को झांसा देकर उनके पैसे हड़पे गए हैं। इस मामले में अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो चुका है कि केरल में इस धोखाधड़ी ने राज्य के कई नागरिकों को प्रभावित किया है, और ईडी की कार्रवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस अपराध की कड़ी से कड़ी सजा मिल सकती है।