गोरखपुर : बस्ती रेंज के DIG दिनेश कुमार पी की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर रूस्तमपुर निवासी महेंद्र कुमार से एक लाख रुपए ऐंठने की कोशिश का मामला प्रकाश में आया है। जालसाजों ने साजिश रचते हुए DIG की डीपी लगे वॉट्सएप से महेंद्र से संपर्क किया। महेंद्र को बताया गया कि CRPF के कमांडेंट के तबादला होने के कारण कई लाख के कीमती सामान उसे सिर्फ एक लाख रुपये में मिल जाएंगे। हालांकि, महेंद्र की सतर्कता से जालसाजों को अपनी इस साजिश में मुंह की खानी पड़ी।
इस तरह हुआ मामले का खुलासा
बातचीत के क्रम में महेंद्र को शक होना शुरू हो गया कि आखिर इतने बड़े अधिकारी को इतनी कम राशि में अपना कीमती सामान बेचने की जरूरत क्यों है। उन्होंने DIG का असली नंबर खोजने की कोशिश शुरू कर दी। हालांकि, संपर्क नहीं हो पाने के कारण वह सीधे DIG कार्यालय पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी दी। DIG ने महेंद्र की सतर्कता की सराहना की और जनता से अपील करते हुए कहा कि किसी भी संदिग्ध मैसेज या कॉल पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।

10 जनवरी को जालसाजों ने किया था संपर्क
दरअसल, 10 जनवरी को महेंद्र के व्हाट्सएप पर DIG की फोटो लगे एक अज्ञात नंबर से मैसेज आया। मैसेज में लिखा था कि CRPF के एक सीनियर कमांडेंट का तबादला जम्मू हो गया है और ऐसे में वे सिर्फ एक लाख रुपये में अपना कीमती सामान बेच रहे हैं। उन्हें प्रलोभन दिया कि यह एक बेहद फायदे का सौदा है। उन्हें तुरंत पैसा भेजकर सामान खरीदने को कहा गया।
कुछ ही समय के बाद जालसाजों की तरफ से एक कॉल भी आ गया। इसमें जालसाज ने खुद को CRPF का कमांडेंट बताया और कहा कि “DIG साहब ने मुझे आपका नंबर दिया है। पैसे भेज दें, ताकि जल्द ही सामान आपके घर पहुंचा दिया जाएं।”
बरतें सावधानी
ऑनलाइन ठगी के लिए किसी चर्चित व्यक्ति या बड़े पद पर आसीन अधिकारियों की फर्जी आईडी बनाकर ठगी करने का तरीका अब आम हो गया है। ऐसे में महेंद्र ने जिस समझदारी और धैर्य से काम लिया, वह दूसरों के लिए एक प्रेरणा है। साइबर अपराधों से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।

