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G 20 का भव्य समापन : PM मोदी ने की यूएनएससी के विस्तार की पैरवी

by Rakesh Pandey
जी20 : मोदी ने यूएनएससी के विस्तार की पैरवी की
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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के विस्तार और दुनिया की नयी वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए सभी वैश्विक संस्थाओं में सुधारों पर नये सिरे से जोर दिया। जी20 शिखर सम्मेलन के समापन के साथ अमेरिका, रूस और फ्रांस ने भारत की अध्यक्षता में हुई बैठक के नतीजों की सराहना की।

समापन सत्र में मोदी ने जी20 की अध्यक्षता हस्तांतरित करते हुए ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को पारंपरिक गेवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा। ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर को जी20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा।

लूला ने यह भी कहा कि यूएनएससी को राजनीतिक ताकत हासिल करने के लिये स्थायी और गैर-स्थायी सदस्यों के रूप में नए विकासशील देशों की जरूरत है, जबकि विश्व बैंक और आईएमएफ में उभरते देशों को अधिक प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिये।

प्रधानमंत्री मोदी ने की जी20 शिखर सम्मेलन के समापन की घोषणा :

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की अध्यक्षता के दौरान जी20 में लिए गये फैसलों पर हुई प्रगति की समीक्षा के लिए नवंबर में एक डिजिटल सत्र के आयोजन का भी प्रस्ताव दिया। भारत की अध्यक्षता के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि में शनिवार को 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को भी स्थायी सदस्यता प्रदान की गयी।

मोदी ने कहा कि भारत के पास नवंबर तक जी20 अध्यक्षता की जिम्मेदारी है। अभी ढाई महीने बाकी हैं। इन दो दिनों में, आप सभी ने अनेक बातें यहां रखी हैं, सुझाव दिये हैं, बहुत सारे प्रस्ताव रखे हैं। हमारी ये जिम्मेदारी है कि जो सुझाव आये हैं, उनको भी एक बार फिर देखा जाये कि उनकी प्रगति में गति

कैसे लाई जा सकती है।

मोदी ने कहा कि इसके साथ ही मैं जी20 शिखर सम्मेलन के समापन की घोषणा करता हूं। उन्होंने संस्कृत के एक श्लोक का संदर्भ देते हुए पूरे विश्व में शांति एवं सौहार्द की प्रार्थना की।

समूह ने 37 पन्ने के घोषणापत्र को सर्वसम्मति अपनाया :

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष पर जी20 नेताओं के घोषणापत्र का पाठ विभाजनकारी आम सहमति के बजाय समान राय वाली आम सहमति है और यह संकट के समाधान का रास्ता दिखा सकता है। जी20 शिखर सम्मेलन में भारत को शनिवार को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई, जहां इस प्रभावशाली समूह ने 37 पन्ने के घोषणापत्र को सर्वसम्मति के साथ अपना लिया।

भारत ने घोषणापत्र में विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर शत प्रतिशत आम सहमति हासिल की, जिसमें यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का उल्लेख करने से परहेज किया गया और सभी देशों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने के सिद्धांत का पालन करने का आह्वान किया गया।

बाइडन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि :

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि इस साल के जी20 शिखर सम्मेलन ने साबित कर दिया है कि यह समूह अपने सबसे अहम मुद्दों का अब भी समाधान निकाल सकता है। शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए बाइडन, महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद वियतनाम रवाना हो गए।

बाइडन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि जब वैश्विक अर्थव्यवस्था जलवायु संकट, नाजुक स्थिति और संघर्ष से जूझ रही है, ऐसे समय में इस साल के शिखर सम्मेलन ने साबित कर दिया कि जी20 अब भी हमारे सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकाल सकता है।

शिखर सम्मेलन कई मायनों में महत्वपूर्ण : रूस

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन कई मायनों में महत्वपूर्ण सम्मेलन है,, क्योंकि इसके नतीजों ने दुनिया को कई चुनौतियों पर आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया और ‘ग्लोबल साउथ’ की ताकत और महत्व का प्रदर्शन किया।

‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल अक्सर विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए किया जाता है, जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ दोपहर के भोजन पर बैठक के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संवाददाताओं से कहा कि मौजूदा विभाजित माहौल को देखते हुए, भारत ने जी20 अध्यक्ष के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया है।

वैश्विक नेताओं से यूएनएससी में बदलाव की वकालत की :

जी20 शिखर सम्मेलन के ‘एक भविष्य’ सत्र में मोदी ने कहा कि यह जरूरी है कि दुनिया को बेहतर भविष्य की ओर ले जाने के लिए वैश्विक निकायों को आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 51 सदस्यों के साथ हुई थी, तो दुनिया अलग थी और अब सदस्य देशों की संख्या लगभग 200 हो गई है। मोदी ने कहा कि बावजूद इसके, यूएनएससी में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं। तब से आज तक दुनिया हर लिहाज से बहुत बदल चुकी है। परिवहन हो, संचार हो, स्वास्थ्य, शिक्षा, हर क्षेत्र का कायाकल्प हो चुका है।

ये नयी वास्तविकताएं हमारी नयी वैश्विक संरचना में प्रतिबिंबित होनी चाहिए। यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें खुले मन से विचार करना होगा कि आखिर क्या कारण है कि बीते वर्षों में अनेक क्षेत्रीय मंच अस्तित्व में आए हैं, और ये प्रभावी भी सिद्ध हो रहे हैं।

सुधारों की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इसीलिए शनिवार को अफ्रीकी संघ को जी20 का सदस्य बनाकर एक ऐतिहासिक पहल की गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह, हमें बहुपक्षीय विकास बैंक के ‘मैंडेट’ का विस्तार भी करना होगा। इस दिशा में हमारे फैसले तुरंत होने चाहिए और प्रभावी भी होने चाहिए।

नेताओं ने भारत मंडपम में प्रतीकात्मक पौधारोपण किया :

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जी20 के नेताओं ने भारत मंडपम में प्रतीकात्मक पौधारोपण किया। दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन के उपलक्ष्य में यह पौधारोपण किया गया। यह समूह 1999 के एशियाई वित्तीय संकट के बाद स्थापित किया गया था। मोदी ने अपने संबोधन में साइबर सुरक्षा और ‘क्रिप्टो करेंसी’ को दुनिया के वर्तमान और भविष्य को प्रभावित करने वाले ज्वलंत मुद्दों में से एक बताया।

उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी सामाजिक व्यवस्था और मौद्रिक एवं वित्तीय स्थिरता के लिए एक नया विषय है। उन्होंने इसे विनियमित करने के लिए वैश्विक मानकों के विकास की मांग की। मोदी ने कहा कि साइबर जगत आतंकवाद के लिए वित्त पोषण का एक नया स्रोत बनकर उभरा है और इसे सुरक्षित करने के लिए वैश्विक सहयोग और ढांचा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह हर देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम हर देश की सुरक्षा और संवेदनशीलता का ख्याल रखेंगे तो ‘एक भविष्य’ की भावना मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि दुनिया को वैश्विक परिवार को वास्तविकता बनाने के लिए वैश्विक गांव की अवधारणा से आगे जाने की जरूरत है। उन्होंने एक ऐसे भविष्य का आह्वान किया, जिसमें न केवल देशों के हित जुड़े हों, बल्कि उनके दिल भी जुड़े हों।

रूसी विदेश मंत्री ने भारत के प्रति जताया अपना आभार :

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि भारत ने यूक्रेन सहित कई मुद्दों पर पश्चिमी देशों को अपना दृष्टिकोण आगे बढ़ाने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि यह कई मायनों में महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन है। यह हमें कई मुद्दों पर आगे बढ़ने का रास्ता प्रदान करता है। लावरोव ने यह भी कहा कि नयी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन ने वैश्विक प्रशासन और वैश्विक वित्त में निष्पक्षता की दिशा में भी एक दिशा प्रदान की है।

रूस के विदेश मंत्री ने कहा कि मैं जी20 के राजनीतिकरण के प्रयासों को रोकने के लिए भारत के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं। पश्चिमी देशों का आधिपत्य नहीं कायम हो पाएगा, क्योंकि हम दुनिया में सत्ता के नये केंद्र उभरते हुए देख रहे हैं।

समापन समारोह को संबोधित करते हुए ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा ने कहा कि भू-राजनीतिक मुद्दों को जी20 में चर्चा पर हावी नहीं होने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि समूह को विभाजित जी20 में कोई दिलचस्पी नहीं है और आज की चुनौतियों का सामना संयुक्त कार्रवाई के जरिए ही किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हमें संघर्ष के बजाय शांति और सहयोग की जरूरत है। अगला जी20 शिखर सम्मेलन नवंबर 2024 में रियो डी जनेरियो में होगा। सिल्वा ने कहा कि जो रास्ता हमें नयी दिल्ली से रियो डी जनेरियो तक ले जाएगा, उसके लिए सभी से बहुत समर्पण और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होगी।

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