सेंट्रल डेस्क। नई दिल्ली में जन्मी और उत्तर प्रदेश के बलिया में पली-बढ़ी गरिमा सिंह का सपना कभी डॉक्टर बनने का था, लेकिन किस्मत और सोच में आए एक अहम मोड़ ने उन्हें प्रशासनिक सेवा की ओर मोड़ दिया। कॉलेज के दिनों में एक सड़क चेकपॉइंट पर घटी घटना ने उनके भीतर भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने का जुनून भर दिया, जब उन्होंने रिश्वत देने से इनकार करते हुए सिस्टम को अंदर से बदलने की ठान ली।
IPS से शुरुआत, IAS तक की उपलब्धि
2012 में उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में प्रवेश लिया और उत्तर प्रदेश में सेवा शुरू की। लेकिन उनके पिता की इच्छा थी कि वे IAS अधिकारी बनें। इसी प्रेरणा से उन्होंने फिर से UPSC की तैयारी की और 2016 में ऑल इंडिया रैंक 55 के साथ IAS बन गईं। उनकी नियुक्ति झारखंड कैडर में हुई।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
गरिमा सिंह ने स्नातक और परास्नातक शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज से प्राप्त की। शिक्षा के दौरान ही उनमें समाज और प्रशासन को समझने की गहरी रूचि विकसित हुई, जो आगे चलकर उनके प्रशासनिक करियर की नींव बनी।
प्रशासनिक सेवाओं में प्रभावशाली योगदान
वर्तमान में गरिमा सिंह झारखंड सरकार के योजना एवं विकास विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं। इस पद पर वे:
• राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास से जुड़ी नीतियों के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
• सतत विकास, बुनियादी ढांचा सुधार और सरकारी योजनाओं की जमीनी क्रियान्वयन को लेकर विशेष प्रयासरत हैं।
• ग्रामीण विकास, शहरी नियोजन और पर्यावरणीय संतुलन से जुड़े प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रही हैं।
प्रशासन में उनकी सोच और नेतृत्व शैली
गरिमा सिंह पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशी विकास की पक्षधर हैं। वे:
• लोगों के साथ सीधे संवाद को प्राथमिकता देती हैं।
• महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष योजनाएं चला रही हैं।
• शासन में तकनीक और डेटा-आधारित निर्णय को बढ़ावा देती हैं।
उनका मानना है कि अगर देश में बदलाव लाना है तो सिस्टम को भीतर से सुधारना जरूरी है।
व्यक्तिगत रुचियां और जीवनशैली
व्यस्तता के बावजूद गरिमा सिंह फिटनेस, पढ़ाई और सामाजिक विषयों पर साहित्य पढ़ने में रुचि रखती हैं। उनका मानना है कि स्वस्थ शरीर और ज्ञान की गहराई ही एक प्रभावशाली प्रशासक की सबसे बड़ी पूंजी होती है।
सम्मान और उपलब्धियां
गरिमा सिंह को उनके उत्कृष्ट प्रशासनिक कार्यों के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। उनके सहयोगी और वरिष्ठ अधिकारी उनकी कार्यशैली, ईमानदारी और नवाचार की खुले दिल से सराहना करते हैं।
भविष्य की दृष्टि
उनका लक्ष्य है कि झारखंड को प्रभावशाली शासन और सतत विकास के क्षेत्र में देश के लिए आदर्श राज्य बनाया जाए। वे तकनीक और पारदर्शिता के ज़रिए प्रशासन को जनता के और करीब लाना चाहती हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा हैं गरिमा सिंह
गरिमा सिंह की यात्रा दृढ़ निश्चय, आत्मविश्वास और सेवा भावना की मिसाल है। एक डॉक्टर बनने की चाह से लेकर झारखंड की प्रशासनिक रीढ़ बनने तक की यह कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो सिस्टम में रहकर बदलाव लाना चाहता है। झारखंड में विकास और सुशासन के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय है और आने वाले समय में उनकी दृष्टि इस राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।
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