तुमने तो 35 की उम्र क्रॉस कर ली.. बच्चे की क्या प्लानिंग है? बायोलॉजिकल क्लॉक के बारे में नहीं सुना है? जल्दी बच्चा कर लो, वर्ना 35 साल के बाद बहुत से कॉम्प्लीकेशन आते हैं…इस तरह की बातें सभी फैमिली में आम हैं। शादी होते ही रिलेटिव्स और खासकर बड़े-बुजुर्ग इस बात पर पीछे पड़ जाते हैं कि कपल जल्दी से बच्चा कर ले। महत्वाकांक्षी कपल्स कई बार फैमिली के प्रेशर में आकर बिना प्लानिंग के बच्चा भी कर लेते हैं और कई बार उनका यह प्रेशर आगे चलकर उनके फ्रस्ट्रेटेड लाइफ का कारण भी बन जाता है।
फैमिली प्रेशर और अपने कॅरियर के बीच झूल रहे इन कपल्स के बीच पिछले कुछ सालों में सेलिब्रिटी मॉम्स ने उम्मीद की किरण जगाई है। हाल फिलहाल की बात करें, तो दीपिका पादुकोण और युविका चौधरी जैसी एक्ट्रेसेज ने अपने लेट 40 में मां बनकर स्टीरियोटाइप को तोड़ते हुए एग्जाम्पल सेट किया है। इतना ही नहीं, ‘बधाई हो’ जैसी फिल्म ने भी इस ट्रेंड को हाइलाइट किया है। वहीं सिंधू मुसेवाला के माता-पिता ने भी इस ऐज में कंसीव कर एक ताजा उदाहरण सेट किया था। इसी के साथ अर्बन एरिया में गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी (Geriatric Pregnancy) का ट्रेंड भी काफी पॉप्युलर हो गया है। कई हॉलीवुड व बॉलीवुड सेलिब्रिटी लेट प्रेगनेंसी को फ्लॉन्ट कर रहे हैं। हालांकि क्या वाकई में गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी (Geriatric Pregnancy) सेफ होता है? इसके क्या फायदे हैं? आइए जानते हैं डिटेल में…
क्या है गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी
गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी (Geriatric Pregnancy) वह स्थिति है, जब एक महिला 35 वर्ष या उससे अधिक आयु में गर्भवती होती है। इस उम्र में गर्भधारण करने वाली महिलाओं को कई प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं, जिसे ‘उच्च जोखिम गर्भावस्था’ (high-risk pregnancy) भी कहा जाता है। गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और मेडिकल दृष्टिकोण से स्पेशल केयर की आवश्यकता होती है।
गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी से संबंधित महत्वपूर्ण बातें :
गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी में अतिरिक्त देखभाल और ध्यान की आवश्यकता होती है, लेकिन अगर प्रॉपर देखभाल और एक्सपर्ट की सलाह ली जाए, तो महिलाएं सेफ प्रेगनेंसी इंजॉय कर सकती हैं। 35 वर्ष के बाद कंसीव करने वाली फीमेल्स को पहले से अधिक अलर्ट और हेल्थ पर खासा ध्यान रखना पड़ता है।
1. फर्टिलाइजेशन में कमी:
35 वर्ष के बाद महिला के अंडाणु (eggs) गुणात्मक और मात्रात्मक रूप से कमजोर होने लगते हैं, जिससे प्रेगनेंसी में कठिनाई हो सकती है। महिला की प्रजनन क्षमता कम हो जाती है और गर्भधारण के लिए अधिक समय भी लग सकता है।
2. हेल्थ से जुड़ी परेशानियां :
- गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी में गर्भपात का जोखिम अधिक होता है।
- उच्च रक्तचाप (Hypertension) : गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है, जिससे प्री-एक्लेम्पसिया (Preeclampsia) का खतरा बढ़ सकता है।
- ग्लूकोज लेवल में बढ़ोत्तरी (Gestational Diabetes) : अधिक उम्र की महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
- क्रोमोजोमल असामान्यताएं (Chromosomal Abnormalities) : डाउन सिंड्रोम (Down syndrome), जो 35 वर्ष या उससे अधिक आयु में गर्भवती महिलाओं में अधिक पाया जाता है।
3 विकसित होने वाले भ्रूण में समस्याएं :
गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी में भ्रूण में विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि कम वजन (low birth weight) या समय से पहले प्रसव (preterm delivery)।
4. सर्जिकल प्रसव (C-section) :
इस आयु वर्ग में महिलाओं को सामान्य प्रसव (normal delivery) की तुलना में सिजेरियन सेक्शन (C-section) होने की संभावना अधिक होती है।
5. मेंटल हेल्थ :
अधिक उम्र में गर्भधारण के दौरान मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी आम हो सकती हैं।
6. समय से पहले प्रसव (Preterm Birth) :
ज्यादा एज में प्रेगनेंट होने पर समय से पहले प्रसव (preterm birth) का जोखिम बढ़ जाता है,जिससे बच्चे के जन्म के समय स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी के दौरान इन बातों का रखें ख्याल:
रूटीन चेकअप : प्रेगनेंट महिलाओं को नियमित रूप से डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और जरूरी टेस्ट जैसे ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल, अल्ट्रासाउंड आदि टाइम टू टाइम कराते रहना चाहिए।
हेल्दी डायट और रेग्यूलर एक्सरसाइज : इस एज की महिलाओं को प्रॉपर डायट और लाइट एक्सरसाइज अपनाना चाहिए, ताकि वो खुद का और भ्रूण दोनों को हेल्दी रख सकें।
फोलिक एसिड और विटामिन सप्लीमेंट्स : फोलिक एसिड का सेवन कंसीव करने से पहले और गर्भावस्था के दौरान जरूरी होता है, ताकि भ्रूण में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स (neural tube defects) की संभावना कम हो सके।
सावधानियां : शराब, स्मोकिंग और ड्रग्स से बचें, क्योंकि इनसे भ्रूण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
डॉक्टर की देखरेख : प्रेगनेंट महिलाओं को एक अच्छे गाइनेकोलॉजिस्ट से नियमित जांच करानी चाहिए और गर्भावस्था से संबंधित किसी भी समस्या के लिए तुरंत उपचार प्राप्त करना चाहिए।
इन सेलिब्रिटी एक्ट्रेसेज ने तोड़ा है स्टीरियोटाइप
कई सेलिब्रिटी एक्ट्रेसेज ने 35 वर्ष की उम्र के बाद गर्भवती होकर गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी को एक सामान्य और स्वाभाविक विषय बना दिया है। इन महिलाओं ने न केवल अपने कॅरियर को प्राथमिकता दी, बल्कि यह भी साबित किया कि अधिक उम्र में गर्भधारण करना भी सुरक्षित और सफल हो सकता है, बशर्ते उचित देखभाल और चिकित्सीय मार्गदर्शन लिया जाए।
दीया मिर्जा (Dia Mirza) :
बॉलीवुड अभिनेत्री दीया मिर्जा ने 40 वर्ष की आयु में अपने पहले बच्चे को जन्म दिया। उन्होंने 2021 में अपने जीवनसाथी वैभव रेखी से शादी के बाद गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी का अनुभव किया। उनका यह निर्णय महिलाओं को यह संदेश देता है कि अधिक उम्र में भी स्वस्थ गर्भधारण संभव है।
जेनिफर लोपेज (Jennifer Lopez) :
जेनिफर लोपेज ने 2019 में 50 वर्ष की उम्र में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। उन्होंने पहले भी दो बच्चों को जन्म दिया था और 50 वर्ष की उम्र में गर्भधारण करना एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक कदम था। उनकी गर्भावस्था और स्वस्थ प्रसव ने कई महिलाओं को प्रेरित किया।
करीना कपूर खान (Kareena Kapoor Khan) :
करीना कपूर खान ने 40 वर्ष की उम्र में अपने दूसरे बेटे को जन्म दिया। करीना ने हमेशा अपनी गर्भावस्था के दौरान अपनी फिटनेस और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी और अपने प्रेगनेंसी को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने यह साबित किया कि सही देखभाल और मानसिक दृढ़ता से गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी को अच्छे से मैनेज किया जा सकता है।
निकोल किडमैन (Nicole Kidman) :
निकोल किडमैन ने 2008 में 41 वर्ष की उम्र में अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। निकोल ने अपनी गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर बात की और यह बताया कि अधिक उम्र के बावजूद महिला गर्भवती हो सकती है, बशर्ते उचित देखभाल और चिकित्सकीय निगरानी हो।
किम कर्दाशियन (Kim Kardashian) :
किम कर्दाशियन ने 2015 में 35 वर्ष की उम्र में तीसरी बार अपने बेटे को जन्म दिया। किम ने अपनी गर्भावस्था को सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिससे उन्होंने यह संदेश दिया कि गेरियाट्रिक प्रेगनेंसी को लेकर कोई डर नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे एक सामान्य प्रक्रिया के रूप में देखा जाना चाहिए।
इन प्रसिद्ध हस्तियों ने यह साबित किया है कि 35 वर्ष के बाद भी प्रेगनेंट होना न केवल संभव है, बल्कि यदि सही देखभाल और मानसिक सपोर्ट मिले, तो यह पूरी तरह से सुरक्षित और सफल हो सकता है। इन उदाहरणों ने महिलाओं को यह विश्वास दिलाया है कि उम्र केवल एक नंबर है और स्वस्थ गर्भधारण के लिए सही समय कभी भी हो सकता है।

