रांची : झारखंड के गोड्डा जिले स्थित स्टेट होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज को BHMS सत्र 2025-26 में नामांकन की अनुमति नहीं दी गई है। यह निर्णय होम्योपैथी चिकित्सा आंकलन और रेटिंग बोर्ड (MARBH) द्वारा हाल ही में निरीक्षण के बाद दी गई रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। गोड्डा का यह संस्थान राज्य का इकलौता होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज है।
BHMS 2025-26: 63 सीटों पर मांगी थी अनुमति
कॉलेज प्रशासन ने MARBH को पत्र भेजकर Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery (BHMS) पाठ्यक्रम के लिए कुल 63 अंडर ग्रेजुएट सीटों पर नामांकन की अनुमति मांगी थी। इनमें EWS आरक्षण को शामिल करते हुए सीटें निर्धारित की गई थीं। लेकिन बोर्ड ने संस्थान की आधारभूत संरचना और फैकल्टी की भारी कमी को देखते हुए नामांकन की अनुमति से इनकार कर दिया है।
Jharkhand Homeopathic College : कॉलेज में फैकल्टी और संसाधनों की भारी कमी
24 और 25 जून 2025 को MARBH निरीक्षण टीम ने स्टेट होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज, गोड्डा का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान कॉलेज में ह्यूमन एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, मेडिसीन, फार्मेसी, होम्योपैथी मेटेरिया मेडिका, गायनेकोलॉजी, सर्जरी और कम्युनिटी मेडिसिन जैसे विषयों के लिए कुल 31 शिक्षकों की कमी पाई गई।
Jharkhand Homeopathic College : अस्पताल के जरूरी विभाग फंक्शनल नहीं
निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि कॉलेज के अंतर्गत आने वाला होम्योपैथिक हॉस्पिटल भी अधूरा है। X-ray यूनिट, केजुअल्टी रूम, लेबर रूम जैसी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं कार्यशील नहीं थीं। साथ ही, हॉस्पिटल स्टाफ की भारी कमी का उल्लेख रिपोर्ट में किया गया है।
MARBH की रिपोर्ट के आधार पर रोका गया नामांकन
Medical Assessment and Rating Board for Homeopathy (MARBH) ने गोड्डा कॉलेज की संरचनात्मक एवं शैक्षणिक कमियों को गंभीर मानते हुए शैक्षणिक सत्र 2025-26 में BHMS पाठ्यक्रम में नामांकन की अनुमति नहीं दी है। इससे राज्य के होम्योपैथी चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र को बड़ा झटका लगा है।
झारखंड में BHMS प्रवेश 2025 पर असर
गोड्डा कॉलेज झारखंड का इकलौता सरकारी होमियोपैथिक कॉलेज है। यहां हर वर्ष सैकड़ों छात्र BHMS में प्रवेश की तैयारी करते हैं। अनुमति नहीं मिलने से राज्य में होम्योपैथी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को राज्य से बाहर जाना पड़ सकता है या एक वर्ष का नुकसान हो सकता है।
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