गोड्डा: गोड्डा रेलवे स्टेशन पर हाल ही में किए गए सौंदर्यीकरण कार्य पर सवाल उठने लगे हैं। स्टेशन परिसर के चारों ओर बनाई गई नवनिर्मित चारदीवारी भारी बारिश के चलते भरभराकर गिर गई। दीवार का बड़ा हिस्सा तेज पानी के बहाव में बह गया, जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर संदेह खड़े हो गए हैं। यह दीवार अभी पूरी तरह से तैयार भी नहीं हो पाई थी कि कुछ ही दिनों की बारिश में उसका ढांचा पूरी तरह ध्वस्त हो गया।
घटना के बाद मौके पर मौजूद कई स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि चारदीवारी के निर्माण में घटिया सीमेंट, ईंट और रेत का इस्तेमाल किया गया। नागरिकों का कहना है कि कुछ ही दिनों की बारिश में दीवार का गिर जाना संभावित भ्रष्टाचार और निर्माण में लापरवाही को दर्शाता है। लोगों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
Railway Administration की चुप्पी
घटना के बाद भी रेलवे प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गोड्डा स्टेशन के सौंदर्यीकरण कार्य के पीछे निर्माण से जुड़ी गड़बड़ियां छिपी हुई हैं। ऐसी लापरवाही आने वाले समय में यात्रियों की सुरक्षा को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। फिलहाल रेलवे विभाग द्वारा स्टेशन परिसर में हुए नुकसान की समीक्षा की जा रही है। साथ ही, गिर चुकी दीवार के मलबे को हटाने का कार्य भी प्रगति पर है। यह मामला केवल स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि भारतीय रेलवे की साख और पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।