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EPFO Interest Rate : EPF खाताधारकों के लिए खुशखबरी : 8.25% ब्याज दर पर EPFO का ऐलान, जानिए कब मिलेगा पैसा

EPF की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक टैक्स फ्री निवेश योजना है। यहां जमा की गई राशि पर ब्याज मिलने से कर्मचारियों का पैसा समय के साथ बढ़ता है।

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क : अगर आप भी सैलरीड क्लास हैं और हर महीने अपने EPF अकाउंट में जमा करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 2024-25 के लिए EPF जमा पर 8.25 प्रतिशत की ब्याज दर बरकरार रखने का ऐलान किया है। इस फैसले के बाद EPF खाताधारकों को मिलने वाली राशि में राहत मिलेगी।

कई लोगों को उम्मीद थी कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद EPF पर मिलने वाली ब्याज दर में भी कमी की जा सकती है। लेकिन EPFO ने अपने खाताधारकों को चौंकाते हुए ब्याज दर को पुराने स्तर 8.25 प्रतिशत पर ही बनाए रखा। पिछले साल 2023-24 के लिए ब्याज दर को 8.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.25 प्रतिशत किया गया था। इसके बाद इस बार भी इसी दर पर विचार किया गया है, जो EPF खाताधारकों के लिए खुशखबरी है।

क्या है EPFO का नया ब्याज दर ऐलान?

EPFO की तरफ से यह जानकारी दी गई कि केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में 2024-25 के लिए EPF पर 8.25 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया गया है। हालांकि, इस फैसले को अब सरकार से मंजूरी मिलनी बाकी है, जिसके बाद ही यह ब्याज दर EPF खातों में जमा की जाएगी। आमतौर पर सरकार की मंजूरी मिलने के बाद यह राशि कर्मचारियों के खातों में जमा होती है।

ब्याज दर में पिछले कुछ सालों में गिरावट आई थी

आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि पिछले कुछ सालों में EPF की ब्याज दर में गिरावट आई थी। 2022-23 में यह दर 8.15 प्रतिशत थी, जबकि 2021-22 में इसे घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया गया था। इससे पहले 2020-21 में यह दर 8.5 प्रतिशत थी, जो कई सालों के बाद सबसे अधिक थी।

ब्याज दर की इतिहास पर एक नजर

EPFO ने अपने खाताधारकों को सबसे अधिक ब्याज 1992-93 में दिया था, जब ब्याज दर 12 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। इसके बाद यह धीरे-धीरे घटते हुए 2002-03 में 9.5 प्रतिशत पर आ गई थी। साल 1982-83 में यह दर 8.75 प्रतिशत तक पहुंची थी, और 1952-53 में यह सबसे कम 3 प्रतिशत थी। धीरे-धीरे यह दर बढ़कर 1972-73 में 6 प्रतिशत तक पहुंची।

कब मिलेगा ब्याज?

EPFO द्वारा निर्धारित ब्याज दर के अनुसार, इस साल के लिए 8.25 प्रतिशत ब्याज दर को EPF खाताधारकों के खातों में जमा करने का काम जल्द ही किया जाएगा, लेकिन इसके लिए सरकार से मंजूरी का इंतजार है। जब तक सरकार इसकी मंजूरी नहीं देती, तब तक ब्याज राशि खातों में जमा नहीं होगी। आमतौर पर मार्च महीने के अंत तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है और राशि अप्रैल से पहले खातों में डाली जाती है।

EPFO के आंकड़े: 2024-25 में बड़ी संख्या में क्लेम हुए सेटल

EPFO की तरफ से यह भी बताया गया कि 2024-25 में अब तक 50.8 मिलियन (5.08 करोड़) क्लेम का सेटलमेंट किया गया है, जिसकी कुल राशि 2.05 लाख करोड़ रुपये है। यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले काफी अधिक है, जब 2023-24 में 44.5 मिलियन (4.45 करोड़) क्लेम और 1.82 लाख करोड़ रुपये सेटल किए गए थे। इस आंकड़े से साफ है कि EPFO ने इस साल अपने काम में तेजी दिखाई है और खाताधारकों के क्लेम को शीघ्र निपटाया है।

क्या होता है EPF?

EPF (Employees’ Provident Fund) एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करना है। इस योजना के तहत कर्मचारियों और उनके नियोक्ता दोनों द्वारा हर महीने कुछ प्रतिशत राशि जमा की जाती है, जो बाद में ब्याज के साथ कर्मचारियों के खातों में जमा होती है। यह राशि कर्मचारियों के रिटायरमेंट के समय उपयोग में आती है।

EPF के फायदे

EPF की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक टैक्स फ्री निवेश योजना है। यहां जमा की गई राशि पर ब्याज मिलने से कर्मचारियों का पैसा समय के साथ बढ़ता है। इसके अलावा, EPF में जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स से मुक्त होता है, जो इसे एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प बनाता है। इस फैसले से EPF खाताधारकों के लिए राहत की खबर आई है, क्योंकि उच्च ब्याज दर के चलते उनका भविष्य सुरक्षित होता है। साथ ही, इस कदम से EPF में जमा राशि को लेकर भरोसा और विश्वास भी मजबूत होता है।

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