Gorakhpur : गोरखपुर-अयोध्या स्नातक क्षेत्र के एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार को विधान परिषद में डॉ. अनुज सरकारी-सिपाही मामले को उठाया। एमएलसी ने इस मुद्दे को उठाते हुए आरोपी डॉक्टर,उनकी पत्नी और उनके बाउंसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। इस पर विधान परिषद के सभापति ने उप मुख्यमंत्री से कहा कि यदि एफआईआर होना आवश्यक है तो जरूर दर्ज होना चाहिए। एमएलसी ने सदन में पूरे मामले की जानकारी देते हुए इस प्रकरण की शासन से किसी विशेष अधिकारी को भेज कर जांच कराने की मांग भी की। गौरतलब है कि डॉ.अनुज सरकारी के अस्पताल में संतकबीरनगर निवासी सिपाही पंकज के साथ हुई मारपीट का मुद्दा लंबे समय तक सुर्ख़ियों में रहा था।
फीस पर आपत्ति जताने पर डॉक्टर ने सिपाही की पिटाई
विरोध करने पर बाउंसरों ने भी पीटा। दूसरे दिन वह पीआरवी के सिपाहियों के साथ अस्पताल गया तो भी पीटा गया। एमएलसी के सवाल पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पक्ष रखते हुए कहा कि एमएलसी के पत्र की जांच कराई गई थी। वह दुबारा निदेशक स्तर के अधिकारी से जांच कराएंगे। विधान परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि यदि एफआईआर दर्ज होनी चाहिए तो अवश्य की जाए।
क्या है डॉ. सरकारी और सिपाही मामला
संतकबीनगर जिले के मझंगावा गंगा गांव में रहने वाले निलंबित सिपाही पंकज कुमार तीन अक्टूबर को अपनी पत्नी अदिती को दिखाने के लिए छात्रसंघ चौराहा स्थित डॉ. अनुज सरकारी के अस्पताल में आए थे। दिखाने के दौरान केबिन में डॉ.अनुज से पंकज की कहासुनी हो गई।
हाथापाई होने पर हास्पिटल के कर्मचारियों ने पंकज को पीट दिया। कैंट पुलिस दोनों पक्ष को थाने ले आयी लेकिन किसी ने मुकदमा दर्ज नहीं कराया। अगले दिन सुबह झोले में हथौड़ा लेकर पहुंचे पंकज ने केबिन में घुसकर डॉ. अनुज पर हमला कर दिया
इस मामले में कैंट पुलिस ने पंकज को जेल भेजा था। पिटाई के मामले में मुकदमा दर्ज कराने के लिए शुरू से ही भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह आवाज उठा रहे हैं।

