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पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों पर सरकार लेने जा रही बड़ा फैसला, केंद्रीय मंत्री ने कहा- 2030 तक भारत विश्व में होगा सबसे आगे

केंद्रीय परिवहन मंत्री के अनुसार भारत में प्रदूषण की मुख्य वजह, वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण है। बढ़ता प्रदूषण देश की सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है।

by Anurag Ranjan
पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों पर सरकार लेने जा रही बड़ा फैसला, केंद्रीय मंत्री ने कहा- 2030 तक भारत विश्व में होगा सबसे आगे
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार अब पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार वर्ष 2030 तक भारत इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV) उत्पादन में दुनिया का अग्रणी देश बन जाएगा। वैश्विक ऑटो बाजार पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने जीवाश्म ईंधन को एक आर्थिक बोझ बताया। जीवाश्म ईंधन पर सालाना 22 लाख करोड़ रुपये के खर्च का जिक्र करते हुए, उन्होंने यह भी कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में भारत जापान से भी आगे निकल चुका है।

साइकिलिंग को बढ़ावा देने की आवश्यकता

आगामी वर्ष 2030 तक भारत के इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV) उत्पादन में विश्व के अग्रणी देश बनने की बात, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कही। मुंबई के ठाणे में पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक साइकिल की शुरुआत के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए, गडकरी ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण को मद्देनजर रखते हुए, साइकिलिंग को एक टिकाऊ शहरी परिवहन विकल्प के रूप में प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।

परिवहन प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण

केंद्रीय परिवहन मंत्री के अनुसार भारत में प्रदूषण की मुख्य वजह, वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण है। बढ़ता प्रदूषण देश की सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। इसके समाधान के लिए उन्होंने जीवाश्म ईंधन से, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ने की तत्काल आवश्यकता पर भी जोर दिया। नितिन गडकरी के अनुसार प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र सबसे प्रमुख भूमिका निभाता है। जीवाश्म ईंधन पर्यावरणीय खतरा बनता जा रहा है।

लिथियम आयन बैट्री की कीमतों में आ रही कमी

गडकरी ने जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता को आर्थिक बोझ बताया। उन्होंने उसका सालाना ब्यौरा भी साझा किया। गडकरी के अनुसार ईंधन आयात पर प्रतिवर्ष 22 लाख करोड़ रुपये का खर्च आता है। इसके साथ ही उन्होंने लिथियम आयन बैट्री की कीमतों के विषय में भी बात की। उन्होंने कहा कि लिथियम आयन बैट्री की कीमतों में अब कमी आ रही है। जानकारी हो कि इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में लिथियम आयन बैटरी का प्रयोग किया जाता है। यही लिथियम आयन बैटरी हमारे स्मार्टफोन में भी लगी होती है। देश की प्रगति के लिए स्वच्छ ऊर्जा अपनाने को उन्होंने आवश्यक बताया।

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