सेंट्रल डेस्क : केंद्र सरकार देश में एक नई ‘यूनिवर्सल पेंशन स्कीम’ (Universal Pension Scheme) को लागू करने की तैयारी कर रही है, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों, गिग वर्कर्स और अन्य ऐसे व्यक्तियों को पेंशन का लाभ देना है, जो वर्तमान में पेंशन योजनाओं से बाहर हैं। इस स्कीम के आने से लाखों लोग पेंशन के दायरे में आ जाएंगे और उन्हें अपनी वृद्धावस्था के दौरान आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। इस नई योजना की घोषणा से पहले, रिपोर्टों के अनुसार, पेंशन स्कीम के प्रस्ताव को लेकर कार्य जारी है और इसके दस्तावेज़ तैयार किए जा रहे हैं।
नई पेंशन स्कीम का उद्देश्य
सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, जैसे कि कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम करने वाले मजदूर, और गिग वर्कर्स, को पेंशन के दायरे में लाना है। इस योजना के माध्यम से न केवल वेतनभोगी कर्मचारी, बल्कि स्वतंत्र व्यवसायी और अन्य कामकाजी लोग भी पेंशन का लाभ उठा सकेंगे। यह पेंशन स्कीम उन लोगों के लिए अहम है, जो नियमित पेंशन योजनाओं से बाहर रहते हैं। इसके प्रस्ताव के दस्तावेज़ तैयार होने के बाद, सरकार इस पर सुझाव लेने के लिए हितधारकों से विचार-विमर्श करेगी।
मौजूदा पेंशन योजनाएं और उनका लाभ
भारत में पहले से ही असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन योजनाएं संचालित हो रही हैं, जिनमें अटल पेंशन योजना (APY) और PM Shram Yogi Mandhan Scheme (PM-SYM) प्रमुख हैं।
अटल पेंशन योजना (APY) : इस योजना में निवेश करने वाले व्यक्तियों को 60 वर्ष की उम्र के बाद गारंटेड पेंशन मिलती है।
PM Shram Yogi Mandhan Scheme :
यह योजना खासतौर पर रेहड़ी-पटरी वाले, घरेलू स्टाफ और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए बनाई गई है। इस योजना में भी 60 साल की उम्र के बाद नियमित पेंशन मिलती है।
इन योजनाओं का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। हालांकि, यूनिवर्सल पेंशन स्कीम इसके दायरे को और विस्तृत करने का काम करेगी।
क्या सरकार पेंशन योजना में योगदान करेगी
एक महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि क्या यूनिवर्सल पेंशन स्कीम में सरकार का भी योगदान होगा। इस समय, स्कीम की प्रक्रिया शुरुआती चरण में है और इसके बारे में ज्यादा जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, रिपोर्टों के अनुसार, यह एक स्वैच्छिक योजना होगी, जिसमें सरकार का प्रत्यक्ष योगदान नहीं होगा। इसमें कर्मचारियों को स्वयं ही पेंशन के लिए योगदान करना होगा, जैसा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में देखा जाता है, जहां कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर योगदान करते हैं।
क्या यह NPS को रिप्लेस करेगी
इस सवाल का जवाब भी स्पष्ट है कि यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को नहीं रिप्लेस करेगी। दोनों योजनाओं का उद्देश्य अलग-अलग है। NPS एक स्वैच्छिक दीर्घकालिक निवेश योजना है, जो मुख्य रूप से सरकारी कर्मचारियों और संस्थागत कर्मचारियों के लिए है। वहीं, UPS असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन का लाभ देने के लिए है। इसलिए, UPS का NPS के साथ कोई मेल नहीं है और यह दोनों योजनाओं का अलग-अलग कार्यक्षेत्र रहेगा।
विश्व के अन्य देशों में यूनिवर्सल पेंशन स्कीम
दुनिया के कई विकसित देशों में पहले से ही यूनिवर्सल पेंशन स्कीम जैसी संरचित सामाजिक सुरक्षा प्रणालियां मौजूद हैं, जिनमें पेंशन, स्वास्थ्य सेवाएं और बेरोजगारी से जुड़े बेनीफिट्स कवर किए जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, अमेरिका, कनाडा, रूस, चीन और अधिकांश यूरोपीय देशों में यह प्रणाली पहले से लागू है। इसके अलावा, डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी पेंशन के लिए समान योजनाएं चल रही हैं, जो अपनी बुजुर्ग आबादी की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं।