जमशेदपुर : फ़र्ज़ी कंपनियां चलाने वाले सिंडिकेट के विरुद्ध चल रही जांच पड़ताल के तहत जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई), जमशेदपुर ने कोलकाता से जमशेदपुर के दो भाई को गिरफ्तार (GST Scam) किया है, जो पूरे भारत में अपराध सिंडिकेट चला रहे थे। अब तक की गई जांच से यह सामने आया है कि इनके द्वारा 90 से अधिक फर्जी कंपनियां स्थापित की गईं, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी मात्रा में करीब 3000 करोड़ रुपये से अधिक का फर्जी लेनदेन हुआ। जिसमें लगभग 522.91 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी गई है।
कुछ महीने पहले, डीजीजीआई, जमशेदपुर ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, जो फर्जी फर्मों-कंपनियों के स्थापित करने, विभिन्न विनिर्माण कंपनियों और व्यापारियों को कमीशन के आधार पर किसी भी सामान या सेवाओं की वास्तविक आपूर्ति के बिना नकली चालान बनाने या जारी करने और प्रसारित करने में शामिल थे।परिणामस्वरूप 200 करोड़. रुपये से अधिक की कर चोरी हुई।
GST Scam:
फर्जी कंपनियों की श्रृंखला के गहन सत्यापन, सधन निगरानी, प्रमुख व्यक्तियों पर नज़र रखने और मानव खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए डेटा विश्लेषण से इस फर्जीवाड़े के पीछे के मास्टरमाइंड की पहचान और धरपकड़ हुई और यह सामने आई कि ऐसा सिंडिकेट कोलकाता से संचालित हो रहा था।
गरीब लोगों का पैन-आधार लेकर खोलते थे फर्जी कंपनी
डीजीजीआई, जमशेदपुर क्षेत्रीय इकाई ने वास्तविक समय के आधार पर ऐसे सिंडिकेट की गतिविधि पर तत्काल निगरानी रखी थी। अपर महानिदेशक, डीजीजीआई जोनल यूनिट पटना और संयुक्त निदेशक डीजीजीआई, क्षेत्रीय यूनिट जमशेदपुर के मार्गदर्शन में डीजीजीआई, क्षेत्रीय इकाई के अधिकारियों ने काफी प्रयास किया और सिंडिकेट के दो मास्टरमाइंड अमित गुप्ता और सुमित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
दोनों व्यक्ति जुड़वा भाई हैं। इस ऑपरेशन के पीछे के मास्टरमाइंड ने विभिन्न फर्जी फर्मों-कंपनियों की स्थापना की और न्यूनतम लागत पर व्यक्तियों से आधार, पैन और फोटो प्राप्त करके फर्जी कंपनियों का जीएसटी पंजीकरण प्राप्त किए।
उपरोक्त दोनों व्यक्ति गरीब पृष्ठभूमि वाले लोगों को महज दस से पंद्रह हजार रुपये वेतन वाली नौकरी की पेशकश करके फंसाते थे और फर्जी GSTIN बिना उनकी जानकारी के उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि का दुरुपयोग करके करते थे और इस तरह फर्जी फर्मो की कई फर्जी श्रृंखलाएं बनाते थे। जीएसटी के फर्जी चालान के माध्यम से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करते थे।
गिरफ्तारी से बचने के लिए बैंकॉक फरार होने वाला था अमित गुप्ता
जांच पड़ताल एवं गुप्त इंटेलिजेंस से पता चला की अमित गुप्ता कुछ दिनों के अंदर विदेश भागने का प्रयास कर रहा था। इस कार्यवाही के पूर्व जब शिव कुमार देवड़ा को अरेस्ट किया गया था उस समय अमित गुप्ता अरेस्ट से बचने के लिए बैंकॉक (थाईलैंड) भाग गया था।
अमित गुप्ता और सुमित गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद, उन्हें जमशेदपुर में ट्रांजिट रिमांड के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट, आर्थिक अपराध न्यायालय, अलीपुर, कोलकाता के समक्ष पेश किया गया और आर्थिक अपराध न्यायालय, जमशेदपुर, पूर्वी सिंगभूम के समक्ष पेश किया गया जहां दोनों आरोपियों को न्यायिक मेजिस्ट्रेट आर्थिक अपराध न्यायालय जमशेदपुर ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
फर्जी कंपनियों के खिलाफ पूर्ण जीरो टॉलरेंस का पालन करते हुए, पिछले कुछ महीनों में डीजीजीआई, क्षेत्रीय इकाई जमशेदपुर ने मिशन मोड में काम किया है और फर्जी GSTIN की श्रृंखला को प्रभावी ढंग से तोड़ दिया है|
04 मास्टरमाइंड व प्रमुख व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें करीब 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के पैसे के फर्जी लेन देन शामिल है तथा इन फर्जी कंपनियों के माध्यम से करीब 725 करोड़ रुपये, की कर चोरी का पर्दाफाश हुआ है, जो फर्जी आईटीसी मुद्दे का अब तक का सबसे बड़ा सिंडिकेट है। मामले में आगे की जांच जारी है।
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