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Bagbera Soldier Case: रांची में सेना के अस्पताल में चल रहा हवलदार सूरज राय का इलाज

जमशेदपुर पुलिस की एकतरफा कार्रवाई से पूर्व सैनिकों में भारी नाराजगी

by Mujtaba Haider Rizvi
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जमशेदपुर : होली के दिन 14 मार्च को जुगसलाई थाना पुलिस ने कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तैनात बागबेड़ा निवासी सैनिक सूरज राय और उनके चचेरे भाई विजय राय को जेल भेज दिया था। आरोप है कि जेल भेजने से पहले थाने पर सूरज राय के साथ मारपीट भी की गई थी। जेल से छूटने के बाद सेना के अधिकारी हवलदार सूरज राय को अपने साथ रांची ले गए हैं। रांची में सेना के अस्पताल में सूरज राय का इलाज चल रहा है। कहा जा रहा है कि जुगसलाई थाने में हुई मारपीट के बाद सूरज राय की हालत ठीक नहीं है। इसी के चलते उसे सेना के अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। इस घटना से पूर्व सैनिकों में नाराजगी है।

पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप

पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सुशील कुमार का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की है। अगर मान भी लिया जाए कि हवलदार सूरज राय के चचेरे भाई विजय राय का जुगसलाई थाने की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर से कुछ विवाद हुआ था, तो पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई क्यों की। पूर्व सैनिकों का कहना है कि पुलिस ने ड्राइवर को साफ बचा लिया। उसका कहीं नाम भी सामने नहीं आया। पूर्व सैनिकों का कहना है कि जुगसलाई थाना की पुलिस ने फोन करके सूरज राय को बुलाया, इसके बाद सूरज राय और विजय राय थाने पहुंचे थे। जबकि, पुलिस ने जो केस तैयार किया है, उसमें दिखाया गया है कि पुलिस ने छापामारी कर सूरज राय और विजय राय को गिरफ्तार किया।

जिस समय गिरफ्तारी दिखाई गई उस समय बागबेड़ा में थे हवलदार

कहा जा रहा है कि जिस समय सूरज राय और विजय राय की गिरफ्तारी की बात कही जा रही है, उस समय सूरज राय बागबेड़ा में एक दुकान पर चाय पी रहे थे और उन्होंने ऑनलाइन पेमेंट भी किया। यह भी कहा जा रहा है कि जो घटनास्थल है, वह बागबेड़ा में है, लेकिन जुगसलाई थाना की पुलिस ने जबरन मामले में कार्रवाई की है। पूर्व सैनिकों का कहना है कि सेना के जवान सीमा पर ग्लेशियर पर खड़े होकर देश की हिफाजत करते हैं। अगर सैनिकों के साथ ऐसा बर्ताव होगा तो फिर यह उचित नहीं है।

डीजीपी ने सभी जिलों को भेजा था पत्र

डीजीपी ने 3 जून 2024 को रांची, धनबाद, जमशेदपुर समेत सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को एक पत्र भेजा था। जिसमें कहा गया था कि अगर किसी सैनिक का कोई मामला हो तो स्थानीय आर्मी यूनिट को इसकी सूचना दी जाए। लेकिन, पुलिस ने इस निर्देश का पालन नहीं किया है।

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