Hazaribagh (Jharkhand): झारखंड के हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड स्थित अलपितो पंचायत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत भारी वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) अखिलेश कुमार ने पंचायत की मुखिया सुमिता देवी और अन्य लोगों के खिलाफ सरकारी राशि के गबन और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है। आरोप है कि इन लोगों ने पशु शेड और बिरसा सिंचाई कूप निर्माण योजनाओं में मृत व्यक्तियों के नाम पर अवैध रूप से राशि निकाली और फर्जी जॉब कार्ड बनाए।
इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी
बीडीओ अखिलेश कुमार द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में अलपितो पंचायत की मुखिया सुमिता देवी, उनके पति धनेश्वर यादव, तत्कालीन पंचायत सचिव शिव कुमार प्रसाद, बालेश्वर यादव, रमेश यादव, जागेश्वर यादव, भीखन रविदास, पवन कुमार यादव, बालेश्वर रविदास, सहदेव यादव और सामग्री आपूर्तिकर्ता मेसर्स निर्मला गोयटरी के झमन कुमार महतो को नामजद किया गया है।
पशु/बकरी शेड निर्माण में बड़ा गोलमाल
प्राथमिकी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में अलपितो ग्राम पंचायत में विभागीय निर्देशों और वरीय अधिकारियों के आदेशों का उल्लंघन करते हुए कुल 19 गाय/बकरी शेड निर्माण योजनाएं चलाई गईं। इन योजनाओं के माध्यम से कुल 21 लाख 95 हजार 928 रुपये 21 पैसे का गबन किया गया है। दस्तावेजों के अनुसार, इन योजनाओं के चयन में भी गड़बड़ी की गई थी, क्योंकि ग्राम सभा से इनका चयन नहीं किया गया। इसके अलावा भूमि संबंधी दस्तावेज संलग्न नहीं थे, कार्य आदेश जारी नहीं किए गए, योजनाओं की तस्वीरें संलग्न नहीं थीं, भुगतान की गई राशि का बिल संलग्न नहीं था और सामग्री आपूर्तिकर्ता को दिए जाने वाले आदेश भी गायब थे। कई मास्टर रोल में मजदूरों के हस्ताक्षर भी नहीं थे, फिर भी भुगतान कर दिया गया। कुछ ऐसे लाभार्थी भी पाए गए जो योजनाओं के लिए पात्र नहीं थे, लेकिन उनके नाम पर योजनाएं स्वीकृत की गईं। इन योजनाओं के लिए कनीय अभियंता द्वारा मापी पुस्तिका (MB) भी नहीं बनाई गई थी।
मुखिया के हस्ताक्षर में भिन्नता और मृत व्यक्ति को भुगतान
जांच में यह भी पाया गया कि विभिन्न दस्तावेजों, खासकर मास्टर रोल में मुखिया सुमिता देवी के हस्ताक्षर में काफी अंतर है। आरोप है कि मुखिया, उनके पति और अन्य आरोपियों ने तत्कालीन पंचायत सचिव और सामग्री आपूर्तिकर्ता के साथ मिलकर मजदूरी मद में 2 लाख 94 हजार 561 रुपये और सामग्री मद में 19 लाख 01 हजार 367 रुपये 21 पैसे की अवैध निकासी कर सरकारी राशि का गबन किया। चौंकाने वाली बात यह है कि “जगदीश रविदास की जमीन में गाय शेड निर्माण” योजना में लाभार्थी जगदीश रविदास की मृत्यु 13 जून 2024 को होने के बाद भी 3 जुलाई 2024 को सामग्री मद में 1,08,415.20 रुपये का भुगतान किया गया। जांच में यह भी पता चला कि मृतक लाभार्थी का पुत्र सरकारी सेवा में शिक्षक के पद पर कार्यरत है, जो ऐसी योजनाओं के लिए अयोग्य है। एक अन्य मामले में, “मुकेश रविदास की जमीन में डोभा निर्माण” योजना में स्वर्गीय विजय रविदास को उनकी मृत्यु (29 फरवरी 2024) के बाद भी 13 मई 2024 से 19 मई 2024 तक मजदूरी का भुगतान किया गया।
जेसीबी से सिंचाई कूप निर्माण और फर्जी जॉब कार्ड
बिरसा सिंचाई कूप निर्माण की तीन योजनाओं में भी मनरेगा के नियमों का उल्लंघन करते हुए जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया गया था। इन योजनाओं में गबन की राशि ब्याज सहित वसूलने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन मुखिया सुमिता देवी और पंचायत सचिव शिव कुमार प्रसाद ने पूरी राशि जमा नहीं की। आरोप यह भी है कि इन कूपों का निर्माण पहले से बने कूपों को तोड़कर किया जा रहा था। इसके अलावा, मुखिया सुमिता देवी के पति धनेश्वर यादव के सगे भाइयों की पत्नियों के नाम पर गाय शेड निर्माण की तीन योजनाएं ली गईं और मुखिया के अपने बच्चों और रिश्तेदारों के नाम से अलग-अलग जॉब कार्ड बनाकर फर्जी तरीके से भुगतान किया गया, जो मनरेगा के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है।
बीडीओ विष्णुगढ़ ने इन सभी अनियमितताओं, सरकारी राशि के गबन और दुरुपयोग, वित्तीय अनियमितताओं, सरकारी नियमों की अवहेलना और पद के दुरुपयोग के संबंध में भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है।