RANCHI: स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने गुरुवार को राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ब्लड बैंकों के संचालन को लेकर समीक्षा की। इस बैठक का उद्देश्य नेशनल ब्लड पॉलिसी 2002 के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना और राज्यभर में ब्लड बैंकों की कार्यप्रणाली को सुधारना था। अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों को अधिक से अधिक ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सभी गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) को जोड़ा जाए ताकि स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा मिल सके। इसके अलावा, उन्होंने सभी सिविल सर्जनों से सरकारी और निजी ब्लड बैंकों की ऑडिट रिपोर्ट शनिवार तक उपलब्ध कराने का आदेश दिया।
ब्लड बैंकों में होगा एलिसा टेस्ट
बैठक में अपर मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि जहां-जहां ब्लड बैंकों में एलिसा टेस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां इसे शीघ्र लागू किया जाए। इसके साथ ही टेस्टिंग के लिए फोर्थ जेनरेशन किट्स का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया। इसके अलावा ब्लड बैंक के लाइसेंस का नवीनीकरण या नए लाइसेंस के लिए आवेदन ओएनडीएलएस पोर्टल पर ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया गया।
ब्लड रिप्लेसमेंट पर लगी रोक
अपर मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी परिस्थिति में ब्लड रिप्लेसमेंट नहीं किया जाएगा और रक्त संग्रह केवल स्वैच्छिक दाताओं के माध्यम से ही किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने ब्लड डोनरों, थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों के डेटा को ई-रक्त पोर्टल पर अपडेट करने के निर्देश दिए। ब्लड बैंकों के संचालन के लिए योग्य चिकित्सकों और टेक्निकल स्टाफ की नियुक्ति पर भी जोर दिया गया। उन्होंने सभी जिलों में ब्लड सेपरेशन मशीन की स्थापना शीघ्र करने का आदेश दिया, जिससे कि रक्त का बेहतर उपयोग किया जा सके। अजय सिंह ने रक्तदाताओं के विश्वास को बढ़ाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने की भी बात की।


