RANCHI: भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष आरती कुजूर ने गुरुवार को झारखंड की हेमंत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्य की गठबंधन सरकार आदिवासी समाज की दुश्मन है और पिछले 6 वर्षों में इस सरकार ने आदिवासी समुदाय के खिलाफ कई नीतियां बनाई हैं। उन्होंने 25 अक्टूबर को चाईबासा में हुई दिल दहला देने वाली घटना का उदाहरण दिया, जिसमें 5 आदिवासी बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने का मामला सामने आया। उन्होंने इसे इलाज के नाम पर हत्या बताया और कहा कि सरकार इसे रफा-दफा करना चाहती है।
उन्होंने यह भी कहा कि संथाल परगना में आदिवासी समाज के उभरते नेताओं की हत्याएं हुई हैं और सरकार की इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं है। उन्होंने आदिवासी जमीनों के अवैध कब्जे और घुसपैठियों की बढ़ती समस्या पर भी चिंता जताई। इसके अलावा आदिवासी समाज की बहन-बेटियों की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए गए, जिनमें कई दुष्कर्म और हत्या की घटनाएं सरकार के शासन में हुई हैं। आरती कुजूर ने हेमंत सरकार पर आरोप लगाया कि आदिवासी समाज की महिलाओं, बच्चों और युवाओं के अधिकारों की अनदेखी की जा रही है। भाजपा 3 नवंबर को राज्यभर में धरना देने की योजना बना रही है, जिसमें दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी।
इन घटनाओं का किया जिक्र
उन्होंने कई उदाहरण देते हुए कहा कि विगत दिनों संथाल परगना क्षेत्र में सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा की हत्या फर्जी इनकाउंटर दिखाकर कर दिया गया। इसके पहले भी उभरते युवाओं सुभाष मुंडा, उमेश कच्छप की हत्या कराई गई। 2020 की जनवरी में चाईबासा में ही 7 आदिवासी समाज के लोगों की गर्दन काटकर नृशंस हत्या कर दी गई थी। वीर सिदो कान्हो के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या हेमंत सरकार में हुई। हूल दिवस के दिन सिदो कान्हो के वंशजों को भोगनाडीह में उनके बलिदान स्थल पर श्रद्धांजलि देने से रोका गया और लाठियां बरसाई गई।
नगड़ी में रिम्स-2 बनाने के नाम पर रैयतों के भारी विरोध के बावजूद राज्य सरकार जमीन को लूट रही है। संथाल परगना में घुसपैठिए आदिवासी समाज के लोगों की जमीन पर अवैध कब्जा कर रहे है। रुबिका पहाड़िया को 52 टुकड़ों में काटा गया। आदिवासी समाज की होनहार बेटी दारोगा रूपा तिर्की की हत्या हुई। रांची में गो तस्करों के द्वारा महिला एसआई संध्या टोपनो की वाहन से कुचलकर हत्या की गई। आदिवासी समाज की एक बेटी को दुष्कर्म के बाद पेड़ से लटकाया गया।
चाईबासा में नो इंट्री को लेकर जो आंदोलन हो रहे उसमें वाहनों की चपेट में 100 से ज्यादा मौत आदिवासी समाज के लोगों की हुई है। इस सरकार की मानसिकता इतनी आदिवासी विरोधी है कि एक समाज के अगुआ और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा सहित समाज के विभिन्न गणमान्य प्रतिनिधियों को राज्य का एक जिलाधिकारी अपने चैंबर में अपमानित करता है। यह आदिवासी समाज का घोर अपमान है।
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