अजमेर : हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की कार पर दिल्ली जाते समय गोलीबारी की घटना सामने आई है। यह घटना अजमेर शरीफ दरगाह में मंदिर से संबंधित विवाद से जुड़ी हुई बताई जा रही है। विष्णु गुप्ता ने आरोप लगाया कि दो अज्ञात हमलावरों ने उनकी गाड़ी पर गोलीबारी की, जिसके बाद वह तत्काल अपनी कार की स्पीड बढ़ा कर वहां से निकल गए। घटना के बाद अजमेर पुलिस और उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की।
घटना का विवरण
विष्णु गुप्ता के मुताबिक, जब वह दिल्ली जा रहे थे, तब उन्होंने अपनी कार के पास दो संदिग्ध बाइक सवारों को देखा। इसके बाद जैसे ही उन्होंने फायरिंग की आवाज सुनी, उन्होंने ड्राइवर से कार की स्पीड बढ़ाने को कहा। गुप्ता का कहना है कि गोलीबारी की घटना एक सुनियोजित साजिश हो सकती है, जिसका उद्देश्य उन्हें डराना था और अजमेर दरगाह मामले में अपनी याचिका वापस लेने के लिए दबाव डालना था। गुप्ता ने बताया कि इससे पहले भी उन्हें कई बार धमकियां मिल चुकी थीं, लेकिन वह डरने वाले नहीं हैं और अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
अजमेर की एसपी वंदिता राणा ने घटना की पुष्टि की और बताया कि उन्होंने विष्णु गुप्ता की शिकायत पर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीम भी मौके पर पहुंच गई है और गाड़ी पर गोली के निशान का विश्लेषण कर रही है।
विष्णु गुप्ता का दरगाह विवाद
विष्णु गुप्ता ने हाल ही में अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अजमेर दरगाह के स्थल पर पहले एक शिव मंदिर हुआ करता था। उनका मानना है कि दरगाह के निर्माण से पहले यहां एक प्राचीन हिंदू मंदिर था, जिसे खत्म कर दिया गया। गुप्ता ने कोर्ट से यह अनुरोध किया कि इस स्थान का सर्वेक्षण किया जाए, ताकि मंदिर की मौजूदगी का प्रमाण प्राप्त किया जा सके।
इस याचिका के बाद विवाद और भी बढ़ गया था। कई मुस्लिम धार्मिक नेता और समुदाय के लोगों ने गुप्ता के दावे पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे समाज में एकता और भाईचारे के खिलाफ बताया। उनका कहना था कि इस प्रकार के विवादों से धार्मिक तनाव बढ़ता है और देश की अखंडता पर असर डालता है। इसके बावजूद, विष्णु गुप्ता ने अपने कदम पीछे नहीं खींचे और इस मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
धमकियां और सुरक्षा खतरा
विष्णु गुप्ता ने पहले भी सार्वजनिक रूप से कहा था कि उन्हें इस मामले को लेकर कई बार धमकियां मिल चुकी हैं। उन्होंने अदालत में भी यह बताया था कि उनकी जान को खतरा है। अब गाड़ी पर फायरिंग की घटना के बाद, यह साफ हो गया है कि उन्हें न केवल धमकियां मिल रही हैं, बल्कि अब हिंसक हमलों का सामना भी करना पड़ रहा है।
गुप्ता ने इस घटना को एक साजिश बताया है, जिसका उद्देश्य उन्हें डराना और इस संवेदनशील मामले से पीछे हटने के लिए दबाव डालना था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह डरने वाले नहीं हैं और अपने दावे को लेकर अदालत में लड़ाई जारी रखेंगे।
कानूनी और सामाजिक प्रभाव
विष्णु गुप्ता की याचिका और उस पर हो रहे विवाद ने न केवल हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच खींचतान बढ़ा दी है, बल्कि यह समाज में एकता और धार्मिक सौहार्द को भी प्रभावित कर रहा है। मुस्लिम नेताओं ने इस याचिका के खिलाफ सार्वजनिक बयान जारी किए हैं और इसे एकतरफा और विवादास्पद बताया है। वहीं, गुप्ता के समर्थक इसे धार्मिक अस्मिता और धरोहर को बचाने का कदम मानते हैं।
इस मामले को लेकर अब दोनों समुदायों में असहमति स्पष्ट हो गई है और यह देखना होगा कि न्यायालय इस विवाद पर क्या फैसला लेता है। वहीं, विष्णु गुप्ता की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि उन्हें पहले ही धमकियां मिल चुकी हैं और अब एक हिंसक हमले का सामना भी करना पड़ा है।
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