जमशेदपुर : ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो मुख्यतः फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसे पहली बार 2001 में नीदरलैंड (Netherlands) में खोजा गया था। यह खासतौर पर सर्दियों (winter)और वसंत ऋतु (Spring Season) में ज्यादा सक्रिय होता है। कमजोर इम्यूनिटी (Weak Immunity) वाले लोग, छोटे बच्चे और बुजुर्ग इस वायरस से अधिक प्रभावित होते हैं।
HMPV वायरस कैसे फैलता है?
एचएमपीवी वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या संक्रमित सतह को छूने से फैलता है। यह फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न करता है और ठंडे मौसम में ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है।
एचएमपीवी वायरस के लक्षण
- इसके लक्षण सामान्य सर्दी और फ्लू से मिलते-जुलते हैं।
- खांसी और गले में खराश।
- बुखार और सिरदर्द।
- नाक बहना या बंद होना।
- सांस लेने में कठिनाई (गंभीर मामलों में)।
- कुछ मामलों में न्यूमोनिया और ब्रोंकोलाइटिस
एचएमपीवी वायरस की जांच
एचएमपीवी की पहचान के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट सबसे सटीक तरीका है। इसके अतिरिक्त, नासॉफैरिंजियल स्वैब, थ्रोट स्वैब, बलगम, या ब्लड सैंपल से भी इसका पता लगाया जा सकता है।
टेस्ट में कितना हो सकता है खर्च
- टेस्ट की कीमत ₹3,000 से ₹8,000 तक होती है।
- विस्तृत जांच के लिए खर्च ₹20,000 तक हो सकता है।
यहां हो सकता है पैथोलॉजी टेस्ट
- टेस्ट डॉ. लाल पैथलैब्स
- टाटा 1एमजी लैब्स
- मैक्स हेल्थकेयर एवं अन्य।
HMPV वायरस का इलाज
- फिलहाल एचएमपीवी वायरस के लिए कोई वैक्सीन या विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है।
- इसका इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है।
- हल्के मामलों में आराम और हाइड्रेशन से राहत मिलती है।
- गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी और अस्पताल में भर्ती की जरूरत हो सकती है।
एचएमपीवी वायरस से बचाव कैसे करें?
- संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं।
- हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं।
- मास्क पहनें, खासकर ठंड के मौसम में।
- इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए पौष्टिक आहार लें।
एक्सपर्ट्स की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि एचएमपीवी से घबराने की जरूरत नहीं है। सर्दियों में अतिरिक्त सतर्कता और समय पर इलाज से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
झारखंड में एचएमपीवी वायरस से निपटने की तैयारी
रिम्स में एचएमपीवी जांच के लिए विशेष व्यवस्था
राज्य का प्रमुख चिकित्सा संस्थान, रिम्स (रांची), एचएमपीवी वायरस की जांच और इलाज के लिए तैयार है।
जांच किट की व्यवस्था: रिम्स ने 50 जांच किट प्राप्त कर लिए हैं और जल्द ही 500 किट मंगाने की तैयारी है। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और आइसीएमआर से भी अतिरिक्त किट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।
आइसोलेशन वार्ड: रिम्स ने एचएमपीवी के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड में 6 बेड अलग से आरक्षित कर दिए हैं। यहां अन्य संक्रमण वाले मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है।
ICMR गाइडलाइन के तहत तैयारी
रिम्स ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की गाइडलाइन के अनुसार अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
डॉक्टरों को जागरूकता का निर्देश
मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों को ओपीडी में आने वाले मरीजों को इस वायरस के लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया गया है।
रिम्स निदेशक ने क्या कहा?
रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार ने बताया कि यह वायरस अधिक खतरनाक नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी जरूरी प्रबंध किए गए हैं।
आपात स्थिति के लिए 35 बेड का अतिरिक्त वार्ड
अगर स्थिति गंभीर होती है, तो न्यूरो सर्जरी का 35 बेड वाला अतिरिक्त वार्ड (Old Central Emergency) रिजर्व रखा गया है। यहां जीवन रक्षक सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं और आइसीएमआर की सभी गाइडलाइन्स का पालन किया जा सकता है।
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