रीवा: मध्यप्रदेश के इंदौर में पांच साल पहले हुए चर्चित हनीट्रैप कांड के प्रमुख शिकायतकर्ता और इंदौर नगर निगम के पूर्व चीफ इंजीनियर हरभजन सिंह का शुक्रवार को निधन हो गया। उनकी मौत के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। शुक्रवार दोपहर को उन्होंने अपने पैतृक निवास पर अचानक तबीयत बिगड़ने की शिकायत की। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई हो सकती है। हरभजन सिंह वही व्यक्ति थे, जिनकी शिकायत के बाद इंदौर हनीट्रैप कांड का खुलासा हुआ था, जो काफी समय तक चर्चा का विषय बना रहा था।
हनीट्रैप कांड का खुलासा और हरभजन सिंह का अहम रोल
यह मामला 2019 का है, जब इंदौर में हनीट्रैप का बड़ा खुलासा हुआ था। हरभजन सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ महिलाएं उन्हें वीडियो रिकॉर्डिंग के नाम पर ब्लैकमेल कर रही हैं। उन्होंने कहा था कि ये महिलाएं उन्हें अश्लील वीडियो दिखाकर 3 करोड़ रुपये की मांग कर रही थीं। हरभजन सिंह की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और इंदौर तथा भोपाल की कुछ युवतियों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक युवती ने हरभजन सिंह के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप भी लगाया था।
इस आरोप के बाद हरभजन सिंह को नगर निगम से निलंबित कर दिया गया था और उनका मुख्यालय रीवा स्थानांतरित कर दिया गया। बाद में वे अपने पैतृक घर रीवा में रहने लगे।
हनीट्रैप कैसे हुआ था
हरभजन सिंह को हनीट्रैप में फंसाने का तरीका भी काफी चौंकाने वाला था। भोपाल की एक युवती ने उनकी दोस्ती एक 18 साल की बीएससी छात्रा से कराई थी, और फिर इंदौर के एक होटल में उनका वीडियो बना लिया था। वीडियो के आधार पर उन्हें महीनों तक ब्लैकमेल किया गया। इस दौरान हरभजन सिंह को धमकाकर 3 करोड़ रुपये की मांग की गई थी।
हरभजन सिंह ने इस ब्लैकमेलिंग के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ और पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसके बाद यह मामला मीडिया में छा गया और हनीट्रैप से जुड़ी कई कड़ीं सामने आईं। इस पूरे कांड ने इंदौर और भोपाल में अपराध की नई दिशा को उजागर किया।
हरभजन सिंह का निधन और उसके बाद की स्थिति
हरभजन सिंह के निधन के बाद उनके परिवार और दोस्तों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। इस मामले में उनकी भूमिका अहम थी, क्योंकि उनकी शिकायत ने पूरे कांड का पर्दाफाश किया था। हनीट्रैप मामले की जांच पुलिस के लिए एक चुनौती बन गई थी, लेकिन हरभजन सिंह की सूचना के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
उनके निधन के बाद, प्रदेशभर में कई सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, उनकी मौत से संबंधित कोई अन्य संदिग्ध जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन उनकी भूमिका ने प्रदेश में इस अपराध की गंभीरता को उजागर किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और इस संदर्भ में अधिक जानकारी मिलने की संभावना जताई जा रही है।
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