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कैसे बनते हैं ग्राम पंचायत सचिव, क्या-क्या होती हैं, इनकी जिम्मेदारियां, जानें

ग्राम पंचायत के सचिव, स्थानीय शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी जिम्मेदारियों में ग्राम पंचायत के लिए विकास प्रस्ताव तैयार करना, दैनिक आजीविका से संबंधित खातों का प्रबंधन करना, स्कूल से संबंधित गतिविधियों की देखरेख करना और वित्तीय रिकॉर्ड बनाए रखना शामिल है।

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क। सिनेमा और टेलीविजन का असर, जनता पर बहुत जल्दी पड़ता है, अच्छे का, भी तो बुरे का भी, कोई कैरेक्टर आपकी जिज्ञासा को जगा देता है तो कोई, आपकी जानकारी को बढ़ाते हैं। ऐसे ही एक फेमस वेबसीरीज “पंचायत” के सचिव जी के कैरेक्टर ने भी, आजकल हर किसी के मन में एक जिज्ञासा जगा दी है। कि कोई पंचायत की इस पोस्ट के लिए कैसे अप्लाई कर सकता है, इसके अंतर्गत क्या क्या काम होता है, कितनी सैलरी होती है आदि। यदि आपके मन में भी ऐसे सवाल आ रहे हैं तो इस आर्टिकल में आपके सारे सवालों के जवाब आपको मिल जाएंगे।

कौन होता है ग्राम पंचायत सचिव

किसी ग्राम पंचायत का सरकार द्वारा चयनित अधिकारी “ग्राम पंचायत सचिव” होता है, इसे पंचायत सहायक भी कहते है। क्योंकि यह आमतौर पर ग्राम पंचायत के कार्यालय से संबंधित कार्यों को देखते हैं। आपको बता दें की पूरे देश में लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतें हैं। जबकि अकेले झारखंड राज्य में ही करीब 4403 तक पंचायतें हैं। इन पंचायतों को चलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा फंड दिया जाता है।

झारखंड में कैसे बन सकते हैं ग्राम पंचायत सचिव

हर राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायत सचिव की भर्ती निकाली जाती है, इसी तरह झारखंड में JSSC के पोर्टल के माधयम से इस पद के बारे में विज्ञापन जारी किया जाता है। ग्राम पंचायत सचिव बनने के लिए कैंडिडेट्स का किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या संस्थान से इंटरमीडिएट (10+2) या समकक्ष पास होना जरुरी है। एवं कैंडिडेट की आयु 18 से 37 के बीच होनी चाहिए।

परीक्षा पैटर्न

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा सेलेक्शन लिखित परीक्षा एवं स्टेनोग्राफी टेस्ट द्वारा किया जाता है, यह पूरा पेपर 600 अंक का होता है जिसमे जीके, सामान्य विज्ञान, गणित और रीजनिंग पूछी जाती है। परीक्षा में शॉर्टलिस्ट होने के बाद डॉक्यूमेंटेशन और अंत में कैंडिडेट्स का मेडिकल करवाया जाता है।

ग्राम पंचायत के सचिव के कार्य

ग्राम पंचायत के सचिव, स्थानीय शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी जिम्मेदारियों में ग्राम पंचायत के लिए विकास प्रस्ताव तैयार करना, दैनिक आजीविका से संबंधित खातों का प्रबंधन करना, स्कूल से संबंधित गतिविधियों की देखरेख करना और वित्तीय रिकॉर्ड बनाए रखना शामिल है। पंचायत कार्यालय के प्रमुख के रूप में, उन्हें ग्राम पंचायत और सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करना होता है, एवं गांव में सभी सरकारी मंजूरी के बारे में जानकारी देने का भी काम इन्हे ही सौंपा जाता है।

कितनी होती है सैलरी

झारखंड में पंचायत सचिव का वेतन 21,700 रुपये से 50,000 रुपये प्रति माह तक है, इस अनुसार वार्षिक वेतन 26,04,000 रुपये से ₹60,00,000 रुपये है। वेतन में महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता, मकान किराया भत्ता, शहर प्रतिपूर्ति भत्ता आदि शामिल होता है।

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