Home » फ्रांस के मार्सेल में PM Modi ने सावरकर को किया याद, कहा- जिसने उनका साथ दिया, सबका आभार

फ्रांस के मार्सेल में PM Modi ने सावरकर को किया याद, कहा- जिसने उनका साथ दिया, सबका आभार

वीर सावरकर को 1910 में लंदन में नासिक षड्यंत्र मामले में गिरफ्तार किया गया था। जब उन्हें भारत लाया जा रहा था, तब मार्सेल के पास सावरकर ने समुद्र में कूदकर फ्रांसीसी तट तक तैरने का साहसिक प्रयास किया.

by Reeta Rai Sagar
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

सेंट्रल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को फ्रांस के शहर मार्सेल में अपने संबोधन में भारत के स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक महत्व पर चर्चा की। उन्होंने वीर सावरकर के साहसी स्केप को याद किया और उस महत्वपूर्ण समय में उन्हें समर्थन देने वाले फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री मोदी मार्सेल में भारतीय वाणिज्य दूतावास के उद्घाटन के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों के साथ पहुंचे। बुधवार को दोनों नेताओं के बीच कई महत्वपूर्ण बैठके होंगी। इसमें माज़ार्ग वार कब्रिस्तान में भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने की योजना भी है, जिन्होंने विश्व युद्ध में शहादत दी थी।

एक पोस्ट में मोदी ने लिखा, मार्सेल पहुंचा। भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में इस शहर का विशेष महत्व है। यहीं वीर सावरकर ने साहसिक तरीके से फरार होने का प्रयास किया था। मैं मार्सेल के लोगों और उन फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इस समय में सावरकर को ब्रिटिश कस्टडी में सौंपने का विरोध किया था। वीर सावरकर का साहस आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करता है!

एक अन्य पोस्ट में मोदी ने कहा, राष्ट्रपति मैक्रों और मैं कुछ समय पहले ही मार्सेल पहुंचे हैं। यह यात्रा भारत और फ्रांस के बीच और अधिक कनेक्टिविटी स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का गवाह बनेगी। भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन, जो लोगों से लोगों के बीच संबंधों को गहरा करेगा, हमारी इस यात्रा का हिस्सा है। मैं पहले और दूसरे विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा।

मार्सेल का भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ाव

सरकारी वेबसाइट के अनुसार, वीर सावरकर को 1910 में लंदन में नासिक षड्यंत्र मामले में गिरफ्तार किया गया था। जब उन्हें भारत लाया जा रहा था, तब मार्सेल के पास सावरकर ने समुद्र में कूदकर फ्रांसीसी तट तक तैरने का साहसिक प्रयास किया, जबकि जहाज से उन पर गोलीबारी की जा रही थी।
वेबसाइट में आगे कहा गया है, उन्हें मार्सेल में ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार किया था। फ्रांसीसी सरकार ने इस गिरफ्तारी का विरोध करते हुए इसे हैग अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में चुनौती दी थी। इस घटनाक्रम ने वीर सावरकर और अन्य भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को विश्वभर में प्रमुखता दिलाई।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों का मार्सेल दौरा

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों मंगलवार को मार्सेल पहुंचे थे और उनके दौरे के दौरान वे इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) परियोजना का दौरा करेंगे, जो परमाणु संलयन अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय पहल है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी माज़ार्ग वार कब्रिस्तान जाकर पहले और दूसरे विश्व युद्धों में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस में सीईओ फोरम को संबोधित किया

एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया-फ्रांस सीईओ फोरम के महत्व को रेखांकित किया, जो आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और नवाचार को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा, इंडिया-फ्रांस सीईओ फोरम आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और नवाचार को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाता है। दोनों देशों के व्यापारिक नेता सहयोग कर रहे हैं और प्रमुख क्षेत्रों में नए अवसर बना रहे हैं। इससे वृद्धि, निवेश और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित होगा।

उन्होंने भारत और फ्रांस के बीच विश्वास और साझा मूल्यों की मजबूत नींव को भी रेखांकित किया, जिसमें लोकतंत्र, नवाचार और जन सेवा शामिल हैं। भारत और फ्रांस सिर्फ लोकतांत्रिक मूल्यों से नहीं जुड़े हैं। गहरे विश्वास, नवाचार और लोगों की सेवा पर आधारित हमारी दोस्ती है। हमारा संबंध सिर्फ हमारे दो देशों तक सीमित नहीं है। हम मिलकर वैश्विक समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।

इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों के साथ एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता की। सप्ताहभर चली इस समिट का समापन वैश्विक नेताओं, नीति निर्धारकों और उद्योग विशेषज्ञों की उच्च-स्तरीय बैठक से हुआ।

Related Articles