हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली : ब्रेस्ट कैंसर के मामले महिलाओं में लगातार बढ़ रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हैं। इसमें अव्यवस्थित जीवनशैली, अनियंत्रित खानपान, मोटापा, शराब का उपयोग शामिल हैं। ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें स्तन कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं।
ध्यान नहीं देने पर ट्यूमर पूरे शरीर में फैल सकता है। देश में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, आंकड़ों की मानें तो भारत में प्रतिवर्ष 10 से 12 लाख नए केस सामने आ रहे हैं। ऐसे में इसकी रोकथाम को लेकर विशेष अलर्ट होने की जरूरत है। आइए, झारखंड के जाने-माने कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार से इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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पुरुषों में भी होता है ब्रेस्ट कैंसर
डॉ. अमित कुमार कहते हैं कि पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर की समस्या देखी गई है। हालांकि, उनकी संख्या कम है। लगभग 0.5 से 1 प्रतिशत पुरुष ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित पाए जाते हैं। झारखंड के जमशेदपुर में भी पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होने के मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, कुछ सावधानी बरत कर इसे रोका जा सकता है। डा. अमित कुमार कहते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन हम सब अगर एक साथ हाथ में हाथ मिला कर आगे आएं,तो इससे लड़ा जा सकता है।
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ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते आंकड़ों का सच
वैश्विक स्तर पर 2.3 मिलियन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का निदान किया गया और 6,85,000 मौतें हुईं। पिछले 5 वर्षों में 7.8 मिलियन महिलाओं के ब्रेस्ट कैंसर का निदान किया गया। वर्ष 1930 से लेकर 1970 तक ब्रेस्ट कैंसर की मृत्यु दर में कुछ बदलाव देखे गए थे, जब केवल सर्जरी उपचार का प्राथमिक तरीका था। WHO के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर में से एक है।
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इस तरह बढ़ रहा ब्रेस्ट कैंसर
– जीवन शैली का असर : आजकल की जीवन शैली ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है। नियमित व्यायाम की कमी, गलत खान-पान और अत्यधिक धूम्रपान ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। स्तन कैंसर अगर आपके पारिवारिक इतिहास में है, तब इसका जोखिम और बढ़ जाता है। लेकिन स्तन कैंसर से पीड़ित अधिकतर महिलाओं में इस बीमारी का पारिवारिक इतिहास ज्ञात नहीं होता।
– जीवनकाल में बढ़ोतरी : मानव जीवनकाल की बढ़ोतरी ने भी इस समस्या को बढ़ावा दिया है। आधुनिक चिकित्सा तकनीक के विकास के साथ लोगों का जीवनकाल बढ़ गया है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ गया है।
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संकेत या लक्षण
चिकित्सकों की माने तो ब्रेस्ट कैंसर के कई संकेत या लक्षण हो सकते हैं, लेकिन अक्सर देखा गया है कि रोगी के स्तन के आसपास की त्वचा या आकार में अंतर आने लगता है। ऐसा होने पर जल्द से जल्द चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। आइए हम बताते हैं कुछ संकेतों और लक्षणों के बारे में-
– अक्सर बिना दर्द के स्तन में गांठ या मोटा होना
– स्तन के आकार या स्वरूप में अंतर होना
– त्वचा में लालिमा गड्ढे या कोई अन्य परिवर्तन
– निप्पल की आसपास की त्वचा में अंतर होना
– निप्पल से असामान्य या तरल पदार्थ आना
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कैंसर का इलाज
वैसे तो स्तन कैंसर का उपचार इस बात पर निर्भर करता है की उसने अपनी पकड़ स्तन के बाहर लिम्फ नोड्स अथवा शरीर के अन्य कौन कौन से भागों में बना ली है।
– स्तन ट्यूमर को हटने के लिए
सर्जरी
– वीवीकरण चिकित्सा
– हार्मोनल थेरेपी, कीमोथेरेपी या लक्षण जैविक थेरेपी
दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी कैंसर का इलाज वैसे तो पूरे विश्व भर में होता है लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि भारत मुफ्त में कैंसर का इलाज कहां-कहां संभव है
– कैंसर का मुफ्त इलाज करने वाले अस्पतालों की सूची में सबसे पहला नाम टाटा मेमोरियल अस्पताल(मुंबई), किदवई मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ़ ऑन्कोलॉजी(बेंगलुरु), एम्स(नई दिल्ली), क्षेत्रीय कैंसर केंद्र / आरसीसी(तिरुवनंतपुरम), पीजीआईएमईआर(चंडीगढ़) इत्यादि।
रोकथाम के उपाय
– जीवन शैली सुधारना : नियमित योग व व्यायाम करें। सही खान पान अपनाएं। धूम्रपान और शराब से दूरी कैंसर के जोख़िम को कम कर सकती है।
– स्क्रीनिंग (परीक्षण): अगर आप ब्रेस्ट कैंसर से दूर रहना चाहते हैं, तो नियमित रूप से स्क्रीनिंग (परीक्षण) करवाना सबसे महत्वपूर्ण है। सोनोग्राफी और क्लीनिकल ब्रेस्ट एग्जामिनेशन से ब्रेस्ट कैंसर की पहचान संभव है।
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महिलाओं को जागरूक करने के उपाय
– शिक्षा : महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूक करने की सबसे ज्यादा जरूरत है, खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में। ज्ञान का प्रसार होने से महिलाएं स्वयं की सेहत की देखभाल करने के लिए सजग रह सकती हैं।
– कैंसर कैंप और सेमिनार : जागरूकता ज्यादा से ज्यादा फैलाने के लिए अगर कुछ कारगर है, तो वह शिविर और सेमिनार का आयोजन करना है। जागरूकता बढ़ाने के लिए कैंसर शिविर और सेमिनार का आयोजन करना अनिवार्य है। इसके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जा सकता है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है।
– मीडिया का सहयोग : मीडिया के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित जानकारी पहुंचा कर जागरूकता फैलाई जा सकती है। सोशल मीडिया, अखबार और रेडियो का उपयोग कर लोगों को जागरूक किया जा सकता है।