सेंट्रल डेस्क: जम्मू-कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के लिए सहमति बनने के दो दिन बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। सीमावर्ती इलाकों में जनजीवन में स्थिरता लौट रही है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को पुंछ जिले के एक सरकारी अस्पताल का दौरा किया और हालिया सीमा पार गोलाबारी में घायल हुए नागरिकों से मुलाकात की।
अस्पताल में भर्ती घायलों का लिया हालचाल
मुख्यमंत्री ने अस्पताल में भर्ती घायलों से बातचीत कर उनकी स्थिति की जानकारी ली और उन्हें प्रशासन की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। पाकिस्तान की ओर से पिछले कुछ दिनों में भारी गोलाबारी हुई, जिसमें कई आम नागरिक घायल हुए थे।
शहीदों के परिजनों को दिया सहायता का भरोसा
अस्पताल दौरे के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उन परिवारों से भी मुलाकात की, जिन्होंने अपने परिजनों को इस गोलीबारी में खोया। वे अमरीक सिंह और अमरजीत सिंह के परिवारों के घर पहुँचे और उन्हें शोक-संवेदना दी।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दी श्रद्धांजलि
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस दौरान गोलीबारी में मारे गए ज़ाकिर हुसैन के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को अनुग्रह राशि (Ex-Gratia) दी जा चुकी है। शेष आवश्यक कार्यवाही शीघ्र की जाएगी।”
सीमा संघर्ष विराम पर सांसद ने क्या कहा
राजौरी में जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (JKNC) के सांसद मियां अल्ताफ अहमद ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की सहमति का स्वागत किया। उन्होंने मांग की कि सीमा पार गोलाबारी में मारे गए नागरिकों के परिजनों को सरकारी नौकरी दी जाए।
उन्होंने यह भी बताया कि राजौरी और पुंछ में कई घरों को नुकसान पहुँचा है, जिसे लेकर प्रशासन को त्वरित सहायता देनी चाहिए। “अब स्थिति सुधर रही है, लेकिन प्रशासन को ज़रूरतमंदों तक मदद पहुँचानी चाहिए,” उन्होंने ANI को बताया।
भारत-पाकिस्तान डीजीएमओ करेंगे बात
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौते के तहत दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशक (DGMO) सोमवार को दोपहर 12 बजे औपचारिक वार्ता करेंगे। यह बातचीत सीमा पर शांति और स्थायित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।