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भारत के सबसे धनवान मंदिर: जहां हर साल आता करोड़ों का चढ़ावा

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली : सोने की चिड़िया कहे जाने वाला देश भारत विश्व भर में अपनी परंपराओं और मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन काल से ही यह देश आकर्षण का केंद्र रहा है। अपनी संस्कृति और आस्था के लिए विश्व में अलग पहचान रखता है।

अपनी अनोखी धरोहर और मान्यताओं के कारण यहां के मंदिर विश्व भर के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। यहां कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपनी भव्यता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं।

हर साल देश-विदेश से लाखों लोग दर्शन के लिए यहां आते हैं। आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां हर साल करोड़ों रुपये का चढ़ावा चढ़ता है।

पद्मनाभ स्वामी मंदिर

केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर, भारत का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहां का धार्मिक महत्व न केवल केरल बल्कि पूरे भारत और विश्व भर के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।

रिपोर्ट्स की मानें तो करीब 20 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ यह मंदिर देश का सबसे अमीर मंदिर है। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर साल 2011 में चर्चा में आया था, जब इसके 6 दरवाजों को खोलने पर इसमें से काफी सारे सोने-हीरे और बहुमूल्य जवाहरात मिले थे।

हालांकि, कोर्ट की तरफ से इसके 7वें दरवाजे को खोलने की अनुमति नहीं मिली थी, जहां कथित तौर सबसे ज्यादा धन मौजूद है। पद्मनाभ स्वामी मंदिर के निर्माण का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। मंदिर का नाम ‘पद्मनाभ’ भगवान विष्णु के नामों में से एक है।

तिरुपति बालाजी मंदिर

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुमाला पर्वत पर स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर को भारत के सबसे धनवान मंदिरों में से एक माना जाता है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है, जिसे लाखों भक्तों के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व का प्रतीक माना जाता है।

तिरुपति बालाजी मंदिर न केवल भारतीय धर्मिकता का महत्वपूर्ण प्रतीक है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक धरोहर भी है, जो भारतीय समाज के लिए गर्व का स्रोत है।

यह मंदिर अपने चमत्कारों और रहस्यों के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। इस मंदिर में रोजाना करीब लाखों रुपए का चढ़ावा आता है। साल में करीब 650 करोड़ रुपए का दान भक्तों द्वारा दिया जाता है। इस मंदिर के पास 9 टन सोना और 14 हजार करोड़ रुपए की एफडी है।

मां वैष्णो देवी

मां वैष्णो देवी मंदिर, जिसे माता वैष्णो देवी के नाम से भी जाना जाता है, भारत का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर जम्मू और कश्मीर के त्रिकूट पर्वत पर स्थित है। यहां माता वैष्णो देवी के दिव्य मंदिर का निर्माण एक गुफा में हुआ था, जिसे उनके भक्तों ने एक पावन स्थल के रूप में स्थापित किया।

यह हिंदू धर्म के एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में है। यहां की मूर्तियां और पूजा विधियां भक्तों को धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं।

यह स्थल लाखों श्रद्धालुओं के लिए भक्ति का प्रमुख स्थल है। मां वैष्णो देवी मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में भक्त आते हैं, जो कठिन चढ़ाई कर माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

इस मंदिर में भक्तों द्वारा करीब 500 करोड़ रुपए का चढ़ावा आता है, जिसके कारण यह मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाता है।’

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शिरडी साईं बाबा मंदिर

मुंबई का शिरडी साईं बाबा मंदिर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो हर वर्ष लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। शिरडी साईं बाबा मंदिर एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां भक्तों को साईं बाबा की पूजा और भक्ति का अवसर मिलता है। साईं बाबा के चमत्कार और उनके आदर्शों को पालन करने के लिए यह स्थल बहुत महत्वपूर्ण है।

यहां हर साल 900 करोड़ का चढ़ावा आता है। कोविड महामारी से पहले इसका रेवेन्यू करीब 800 करोड़ रुपए था। यहां पर भक्तों द्वारा दान देने का परंपरागत तरीका होता है और इससे आर्थिक समर्थन और दान की भावना बढ़ती है।

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