रांची: उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के निर्देश पर शनिवार को समाहरणालय में गैर सहायता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्राचार्यों व प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त दिनेश यादव ने की। इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी विनय कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज और जिला परिवहन पदाधिकारी अखिलेश कुमार समेत कई अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में झारखंड गजट व झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा की गई। विद्यालयों को निर्देशित किया गया कि वे शीघ्र फीस समिति एवं अभिभावक शिक्षक संघ (पीटीए) का गठन करें। उप विकास आयुक्त ने स्पष्ट किया कि बिना इन समितियों के माध्यम से कोई भी शुल्क वृद्धि नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि इन समितियों के माध्यम से पारदर्शिता एवं सहभागिता सुनिश्चित होगी।
इस दौरान यह भी निर्देश दिया गया कि कोई भी विद्यालय अपने भवन, परिसर या संरचना का उपयोग व्यवसायिक गतिविधियों के लिए नहीं करेगा। विद्यालय परिसर में स्थित कियोस्क या दुकानों से पुस्तक, यूनिफॉर्म, जूते आदि खरीदने के लिए छात्रों या अभिभावकों को बाध्य करना कानूनन गलत है। ऐसा करने पर पचास हजार से ढाई लाख रुपये तक का जुर्माना और विद्यालय की मान्यता रद्द की जा सकती है।
जिला शिक्षा अधीक्षक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अधिनियम के अन्य प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला और प्राचार्यों के सवालों का उत्तर दिया। जिला परिवहन पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने स्कूल बसों की सुरक्षा से जुड़े नियमों की जानकारी दी और अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा। बैठक का उद्देश्य निजी विद्यालयों में पारदर्शिता, जवाबदेही और छात्रों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।