Ranchi (Jharkhand) : झारखंड के डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट (11वीं-12वीं) की पढ़ाई बंद करने के राजभवन के आदेश पर सियासी और शैक्षणिक हलकों में बवाल मच गया है। छात्रों से लेकर इंटर के शिक्षक और कॉलेज कर्मचारी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। विरोध इतना व्यापक है कि शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर हस्तक्षेप की मांग करनी पड़ी।\
मंत्री ने सीएम को दी पूरी जानकारी
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि राज्य सरकार ने 2026 से इंटरमीडिएट की पढ़ाई कॉलेजों में बंद करने की योजना बनाई थी, ताकि तैयारी का पूरा समय मिल सके। लेकिन, राजभवन ने अचानक 2025 से ही सभी विश्वविद्यालयों को इसे बंद करने का आदेश दे दिया। इससे ना तो व्यवस्था बन पाई और ना ही छात्र तैयार हो पाए।
छात्रों को हो रही गंभीर समस्याएं
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस फैसले का सबसे बड़ा असर छात्रों पर पड़ा है। प्लस-2 स्कूलों में सीटों की भारी कमी है। शिक्षक, बेंच-डेस्क और अधोसंरचना का अभाव है। छात्रों को एडमिशन के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। कई छात्र नामांकन से वंचित रह गए हैं।
तीन सदस्यीय कमेटी का गठन, गुरुवार को बैठक
मुख्यमंत्री ने त्वरित निर्णय लेते हुए एक तीन सदस्यीय समिति गठित की है। कमेटी में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और विधायक दीपिका पांडेय सिंह शामिल हैं। यह कमेटी गुरुवार को बैठक करेगी और उसके बाद राज्यपाल से मिलकर समाधान पेश करेगी।
एक साल की मोहलत की सिफारिश संभव
सूत्रों के अनुसार, यह कमेटी कॉलेजों में एक साल के लिए इंटर नामांकन की अनुमति देने की सिफारिश कर सकती है। ताकि छात्रों को राहत मिल सके और सरकार को हाईस्कूलों को प्लस-2 में अपग्रेड करने का समय मिल सके।
शिक्षकों और कर्मचारियों के भविष्य पर भी सरकार चिंतित
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार केवल छात्रों को लेकर नहीं, बल्कि कॉलेजों में इंटर पढ़ा रहे शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के भविष्य को लेकर भी गंभीर है। समायोजन की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है। यदि सरकार को समय मिलता, तो ये सभी व्यवस्थाएं पहले से की जा सकती थीं।
शिक्षा मंत्री का दो टूक बयान
रामदास सोरेन ने कहा, “सरकार छात्रों के साथ है। उनके भविष्य से कोई समझौता नहीं होगा। जल्दबाजी में लागू किए गए फैसलों से व्यवस्था गड़बड़ा गई है। हम छात्रों को राहत दिलाने के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।”