Home » Bangladesh Investigation Report : बांग्लादेश में जांच रिपोर्ट में पूर्व PM हसीना पर लगाए गए गंभीर आरोप, गुप्त हिरासत केंद्रों का पता चला

Bangladesh Investigation Report : बांग्लादेश में जांच रिपोर्ट में पूर्व PM हसीना पर लगाए गए गंभीर आरोप, गुप्त हिरासत केंद्रों का पता चला

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से गठित एक जांच आयोग की रिपोर्ट के अनुसार इस देश में 3500 से ज्यादा लोग गायब हैं। इस तरह की घटनाओं की जड़ें शेख हसीना के शासनकाल से जुड़ी हैं।

by Rakesh Pandey
shekh hasina
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

सेंट्रल डेस्क : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा गठित एक जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह आरोप लगाया है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना कथित रूप से लोगों को गायब करने की घटनाओं में शामिल रही हैं। आयोग के अनुसार इन घटनाओं की संख्या 3,500 से अधिक हो सकती हैं और इन घटनाओं की जड़ें हसीना के शासन काल से जुड़ी हुई हैं। इस रिपोर्ट के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है, क्योंकि इसमें बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

सेना, पुलिस के सहयोग से घटनाओं को दिया गया अंजाम

इस जांच आयोग का गठन बांग्लादेश में नागरिकों के लापता होने की घटनाओं की जांच के लिए किया गया था। आयोग ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया कि पुलिस, सेना और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के कर्मचारियों के बीच आपसी सहयोग से यह घटनाएं अंजाम दी गईं। आयोग के अध्यक्ष, सेवानिवृत्त न्यायाधीश मैनुल इस्लाम चौधरी ने बताया कि उन्होंने जांच के दौरान यह पाया कि यह घटनाएं किसी साजिश के तहत हुईं, और इन घटनाओं के कारण पीड़ितों के बारे में जानकारी प्राप्त करना भी मुश्किल था।

गायब लोगों में 200 लौटकर नहीं आए


आयोग के मुताबिक गायब किए गए लोगों के मामले में पुलिस की विशेष अपराध-विरोधी इकाई ‘रैपिड एक्शन बटालियन’ (RAB) और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों का हाथ था। RAB में सेना, नौसेना, वायु सेना और पुलिस के कर्मचारी शामिल होते हैं। इन एजेंसियों ने मिलकर लोगों को जबरन उठाया, उन्हें प्रताड़ित किया और फिर उनकी गिरफ्तारी का रिकॉर्ड भी बनवाया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिन लोगों को गायब किया गया, उनमें से 200 लोग कभी वापस नहीं लौटे, जबकि जो लौटे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

शेख हसीना और उनके अधिकारियों का संदिग्ध रोल

आयोग ने आरोप लगाया है कि शेख हसीना के निर्देश पर यह घटनाएं हुईं। आयोग ने यह भी खुलासा किया कि हसीना के रक्षा सलाहकार, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्दीकी और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का भी इसमें हाथ था। इन अधिकारियों में राष्ट्रीय दूरसंचार निगरानी केंद्र के पूर्व महानिदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) जियाउल अहसन, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोनिरुल इस्लाम और मोहम्मद हारुन-ओर-रशीद भी शामिल हैं। हालांकि, ये सभी अधिकारी इस समय फरार हैं और माना जा रहा है कि वे 5 अगस्त को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद देश से बाहर चले गए थे।

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पीड़ितों की भूमिका

आयोग के एक सदस्य, मानवाधिकार कार्यकर्ता सज्जाद हुसैन ने कहा कि उन्होंने अब तक 1,676 लापता लोगों की शिकायतें दर्ज की हैं, जिनमें से 758 मामलों की जांच पूरी की जा चुकी है। हुसैन ने बताया कि अधिकांश मामलों में पीड़ितों को कभी वापस नहीं लाया गया, और जो लौटे, उन्हें आधिकारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि यह पूरी प्रक्रिया एक सुनियोजित योजना का हिस्सा लगती है, जिसका उद्देश्य विपक्ष और शेख हसीना के खिलाफ काम करने वालों को डराना था।

गुप्त हिरासत केंद्रों की खोज

आयोग ने ढाका और उसके आसपास आठ गुप्त हिरासत केंद्रों की पहचान की है, जहां कथित तौर पर लोगों को रखकर प्रताड़ित किया जाता था। इस खोज ने यह साबित कर दिया कि राज्य द्वारा किए गए मानवाधिकार उल्लंघन को एक व्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया गया था।

मार्च तक जारी की जाएगी एक और जांच रिपोर्ट

आयोग के अध्यक्ष मैनुल इस्लाम चौधरी ने बताया कि वे मार्च तक एक और अंतरिम रिपोर्ट पेश करेंगे और सभी आरोपों की जांच करने के लिए कम से कम एक और साल का समय चाहिए। आयोग ने आतंकवाद रोधी अधिनियम, 2009 को खत्म करने या उसमें संशोधन करने का सुझाव भी दिया है। इसके साथ ही, आयोग ने RAB को समाप्त करने की सिफारिश की है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।

लोकतांत्रिक व्यवस्था व मानवाधिकार पर उठ रहे सवाल

बांग्लादेश में नागरिकों के लापता होने की घटनाओं के बारे में आयोग की रिपोर्ट बांग्लादेश की राजनीति में नया मोड़ ला सकती है। शेख हसीना पर लगे आरोप देश के लोकतांत्रिक संस्थानों और मानवाधिकारों के लिए गंभीर सवाल खड़े करते हैं। इसके साथ ही, इस रिपोर्ट ने बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और सत्ता के दुरुपयोग के मुद्दों को भी उजागर किया है। अब यह देखना होगा कि बांग्लादेश सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन आरोपों पर किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं और क्या इस जांच के बाद शेख हसीना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Read Also- सहरसा में मेडिकल दुकानदार की हत्या : सिर में गोली मारकर अपराधी हुए फरार, जमीन विवाद की आशंका

Related Articles