धनबाद : झारखंड में विधानसभा चुनावों की तैयारी के मद्देनजर जयराम महतो की पार्टी, झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) ने अपने प्रत्याशियों की आठवीं सूची जारी की है। इस सूची में पार्टी ने तीन विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों में बदलाव किया है। ये सभी सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं, जिनमें दुमका की शिकारीपाड़ा सीट, रांची की खिजरी सीट और साहिबगंज की बोरियो सीट शामिल हैं।
बदले गए प्रत्याशी
दुमका की शिकारीपाड़ा सीट से पार्टी ने मुन्नी हांसदा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। पहले इस सीट पर अविनाश हेंब्रम को प्रत्याशी बनाया गया था। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि पार्टी संभावित मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए अपने उम्मीदवारों में बदलाव कर रही है।
इसी तरह, रांची की खिजरी विधानसभा सीट पर भी बदलाव किया गया है। इस सीट से पारसनाथ उरांव को प्रत्याशी बनाया गया है। इससे पहले इस सीट पर सरिता तिर्की को चुनाव मैदान में उतारा गया था। यह स्पष्ट है कि जेएलकेएम अब नए चेहरे और नई रणनीतियों के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है।
साहिबगंज की बोरियो सीट से सूर्य नारायण हांसदा को प्रत्याशी बनाया गया है। पहले इस सीट पर उमेश मदैया को प्रत्याशी घोषित किया गया था। यह बदलाव भी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट होता है कि जेएलकेएम अपने रणनीतिक समीकरणों पर पुनर्विचार कर रहा है।
नई प्रत्याशियों की घोषणा
इसके अलावा, आठवीं सूची में दो अन्य विधानसभा सीटों के लिए भी प्रत्याशियों की घोषणा की गई है। पाकुड़ के महेशपुर सीट से मनोज मरांडी को प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि धनबाद की निरसा सीट से अश्विनी क्षेत्रपाल को उतारा गया है। इस प्रकार, पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की संख्या में इजाफा करते हुए चुनावी रण में मजबूती से उतरने का इरादा जताया है।
प्रत्याशियों की प्रतिक्रिया
अब सवाल यह उठता है कि जिन प्रत्याशियों को सूची से बाहर किया गया है, उनका क्या रुख रहेगा। चुनावी राजनीति में ऐसे बदलाव अक्सर विवाद का कारण बन सकते हैं। अविनाश हेंब्रम, सरिता तिर्की और उमेश मदैया जैसे प्रत्याशी क्या पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे या वे पार्टी के निर्णय को स्वीकार करेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। इसके अलावा, यह भी देखना होगा कि नए प्रत्याशी कितनी मेहनत और रणनीति के साथ मतदाताओं को आकर्षित कर पाते हैं।
चुनावी परिदृश्य
झारखंड में चुनावी परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। विभिन्न राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियों को बदलने और नई घोषणाएं करने में जुटे हैं। जेएलकेएम के इस नए कदम से यह स्पष्ट होता है कि वे अपनी राजनीतिक ताकत को बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। जयराम महतो का नेतृत्व और पार्टी की नई दिशा इस बात का संकेत है कि वे चुनावी मैदान में मजबूती से उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।