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JAMSHEDPUR , JHARKHAND : शादियों के मौसम में है आपको भी फूलों की जरूरत, जानें सजावट के लिए कितना होना चाहिए आपका बजट, बढ़ रही विदेशी फूलों की डिमांड, पंडालों में देखते बन रही सजावट

by Rakesh Pandey
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जमशेदपुर : शादी में शहनाई की गूंज के साथ फूलों की बाजार महकने लगा है. बाजार में विभिन्न प्रकार के खूबसूरत फूल लोगों को खूब लुभा रहे है. ग्राहकों को लुभाने के लिए फूल विक्रेता बाजार में लोकल से लेकर बाहर से भी फूल मंगवा रहे है. लोगों कि बढ़ती डिमांड को देखते हुए इवेंट्स कंपनियां भी अपने ग्राहकों को खूश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. बढ़ती फूलों कि मांगों के बीच फूलों के रेट भी पिछले सालों से बढ़ी है, जिसका असर आम लोगों के साथ शादी आयोजकों पर पड़ रहा है. फूल विक्रेताओं का कहना है कि भारी गर्मी के चलते फूलों के उत्पादन पर असर पड़ा है. साथ ही शादी में फूलों कि मांग ज्यादा होने और आवक कम होने से फूलों के दामों में वृद्धि हुई है. हालांकि उनका ये भी कहना है कि फूलों की कीमत कम-ज्यादा होते रहते हैं. उनका कहना है कि बाजार में अभी गेंदा, रजनीगंधा, गुलाब, जरबेरा फूलों कि मांग ज्यादा है. विवाह में मंडप को सजाने, जयमाल, शादी का तोरण द्वार बनाने में फूलों कि मांग ज्यादा रहती है. जमशेदपुर में विशेष रुप से फूलों कि आवक पश्चिम बंगाल के कोलाघाट से होती है. इसके अलावा रंग-बिरंगे गुलाब कि आवक बेंगलुरु से हो रही है. वहीं लोकल बाजार से फूलों कि आवक कम हो रही है. फूल विक्रेताओं का कहना है कि फूलों की महंगाई के चलते अब लोग प्लास्टिक से बनी फूलों की मांग कर रहे हैं. इवेंट्स कंपनियां भी सजावट में प्लास्टिक के फूलों का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके साथ ही कइ कंपनियां विदेशों से फूलों को मंगा रही है जो कोलकाता होते हुए जमशेदपुर पहुंच रही है.

एक नजर फूलों कि कीमत पर

गेंदा फूल- 25 से 30 रुपया प्रति पीस
लोकल गुलाब फूल 10 रुपया प्रति पीस
पिंक व पीला गुलाब फूल 20 रुपया प्रति पीस
गुलाब फूल ( थोक में) 500 रुपया सैकड़ा
रजनीगंधा- 200 से 250 प्रति किलो
जरबेरा- 50 से 60 रुपया (गुच्छा)
फूल विक्रेता संतोष गुप्ता बताते हैं कि फूलों का बाजार पिछले साल जैसा है. शादी के सीजन में हर बार मामूली वृद्धि होती है. भारी गर्मी से फूलों का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है, ऐसे में सभी फूलों की कीमतों में वृद्धि हुई है.
साकची के फूल विक्रेता राजा दास बताते हैं कि फूलों की आवक पहले ज्यादातर ट्रेन से होती थी, ऐसे में माल लेट होने से खराब होने की संभावना ज्यादा होती थी , लेकिन ट्रांसपोर्टेशन चार्ज लगता था. वहीं ग्राहकों को समय पर फूलों कि मांग को देखते हुए फूलों की आवक अब सड़क वाहनों से हो रही है ऐसे में ट्रांसपोर्टेशन का चार्ज बढ़ गया है.

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