Jamshedpur : जिले के पटमदा और बोड़ाम प्रखंडों में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक ग्रामीणों के लिए बड़ी परेशानी बन चुका है। दिघी गांव और इसके आसपास के इलाकों में अब तक 20 से अधिक लोग कुत्ते के हमले में घायल हो चुके हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि लोग लाठी-डंडों के सहारे पहरा देने को मजबूर हैं और बिना हथियार के घर से निकलने से बच रहे हैं।
शुक्रवार रात की घटना में दिघी गांव में आवारा कुत्ते ने फिर से हमला किया। इस हमले में 60 वर्षीय सतीश महतो, 25 वर्षीय ममता कर्मकार और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गए। सतीश महतो को गंभीर स्थिति में माचा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां उन्हें टिटनेस और एंटी रेबीज के टीके दिए गए। ममता और अन्य घायलों ने पारंपरिक इलाज का सहारा लिया।
ग्रामीणों के अनुसार, यह आवारा कुत्ता पिछले 20 दिनों से क्षेत्र में घूम रहा है और पटमदा व बोड़ाम क्षेत्र में अब तक कई लोगों को घायल कर चुका है। 15 दिन पहले गांव के शिक्षक रंजीत महतो को भी इस कुत्ते ने काट लिया था। गुरुवार की रात ग्राम प्रधान अभिराम महतो की भतीजी की शादी में झाड़ग्राम से आए चार बारातियों को भी तालाब के पास इस कुत्ते ने निशाना बनाया। सभी को इलाज के लिए पश्चिम बंगाल ले जाया गया।
शुक्रवार को घायल हुए सतीश महतो को तब काटा गया जब वे एक दुर्घटनाग्रस्त बाइक सवार की मदद के लिए दौड़े थे। तभी अचानक पीछे से आए कुत्ते ने उनके पैर और फिर हाथ में काट लिया।
लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में भय का माहौल है। हेमंत महतो, रतन महतो और मधु सहिस का कहना है कि अब गांव में कोई भी व्यक्ति बिना लाठी-डंडे के घर से बाहर नहीं निकल रहा। ग्रामीण सामूहिक रूप से कुत्ते की तलाश में जुटे हैं।
इससे पहले, 6 जून को लावा गांव में ढाई साल के बच्चे को कुत्ते ने बुरी तरह घायल कर दिया था, जो अब भी इलाजरत है। वहीं, 22 मई को इसी गांव में दो महिलाएं और एक बुजुर्ग भी कुत्ते के शिकार हुए थे। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस पर तत्काल कार्रवाई हो, ताकि इलाके में फैले डर और खतरे को खत्म किया जा सके। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कुत्ता किसी बीमारी से ग्रसित है या पागल हो चुका है।
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