Jamshedpur : टाटानगर रेल सिविल डिफेंस की टीम ने खासमहल स्थित सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों, नर्सों, तकनीकी और गैर-तकनीकी कर्मचारियों को फायर सेफ्टी और आपदा प्रबंधन का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण के तहत अग्निशमन यंत्र के उपयोग की विधि, सावधानियां और प्राथमिक उपचार की जानकारी मॉक ड्रिल के माध्यम से दी गई।
दो प्रकार के फायर संयंत्रों का कराया गया प्रदर्शन
कार्यक्रम की शुरुआत में रेल सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने बताया कि अस्पताल में दो प्रकार के अग्निशमन यंत्र उपलब्ध हैं। पहला कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)अग्निशमन यंत्र और दूसरा ड्राई केमिकल पाउडर (DCP) अग्निशामक।
कार्बन डाइऑक्साइड यंत्र का उपयोग मुख्यतः एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई और कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में आग लगने पर किया जाता है, जबकि डीसीपी यंत्र का प्रयोग कार्यालय और सामान्य क्षेत्रों में लगने वाली आग को बुझाने में उपयुक्त होता है।
मॉक ड्रिल में दिया गया व्यावहारिक प्रशिक्षण
फायर संयंत्रों के उपयोग को लेकर व्यावहारिक मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें कर्मचारियों को आग बुझाने की पूरी प्रक्रिया सिखाई गई। डेमोस्ट्रेटर शंकर प्रसाद ने घरेलू गैस सिलेंडर से होने वाली आगजनी की स्थिति में बचाव और बुझाने की विधि भी सिखाई।
वहीं डेमोस्ट्रेटर अनामिका मंडल ने जलने, कटने या चोट लगने पर प्राथमिक चिकित्सा और बैंडेजिंग की तकनीक का प्रशिक्षण दिया।
अस्पताल स्टाफ की सक्रिय भागीदारी
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में रेल सिविल डिफेंस टीम के संतोष कुमार, शंकर प्रसाद, अनामिका मंडल, गुलशन कुमार और पी. हरी बाबू उपस्थित रहे। अस्पताल की ओर से चिकित्सक डॉ. विमलेश कुमार, क्वालिटी मैनेजर प्रेमा मरांडी, आईसीयू प्रभारी राखी प्रीतम, कैंटीन प्रबंधक रिंकू देवी, तुराम अहमद, कुसुम कुमारी समेत सभी नर्सिंग स्टाफ, टेक्नीशियन, कैंटीन एवं सफाई कर्मियों ने भाग लिया।
उद्देश्य: आपदा के समय त्वरित और सुरक्षित प्रतिक्रिया
इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य आपदा की स्थिति में अस्पताल कर्मियों की त्वरित और सुरक्षित प्रतिक्रिया क्षमता को विकसित करना था। टीम ने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी कर्मचारी उपलब्ध संसाधनों का सही तरीके से उपयोग कर सकें और आग जैसी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम हों।


