Home » Jamshedpur Santhal social boycott : डुमरिया के 12 गांव के 118 संताल परिवारों का सामाजिक बहिष्कार, बनाया नया प्रधान

Jamshedpur Santhal social boycott : डुमरिया के 12 गांव के 118 संताल परिवारों का सामाजिक बहिष्कार, बनाया नया प्रधान

डीसी से शिकायत करने पहुंचे बहिष्कृत ग्रामीण, सांसद विद्युतवरण महतो ने भी डीसी को लिखा पत्र

by Mujtaba Haider Rizvi
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

जमशेदपुर : डुमरिया प्रखंड के 90 गांव में से 12 गांव के 118 संताल परिवारों को सामाजिक तौर पर बहिष्कृत कर दिया गया है। परिवार के लोग गुरुवार को जमशेदपुर पहुंचे और डीसी ऑफिस में मामले की शिकायत की। इन लोगों की मांग है कि इन्हें अलग से अपना प्रधान घोषित करने की अनुमति दी जाए। इन लोगों ने अपना नया ग्राम प्रधान चुन लिया है। अब यह लोग ग्राम प्रधान को स्वीकृति देने की मांग उठा रहे हैं।

सामाजिक बहिष्कार के बाद हो रही है ये दिक्कत

उपायुक्त कार्यालय पहुंचे टुकाराम मार्डी ने बताया कि इलाके के ग्राम प्रधान छोटी सी भी बात पर नाराज होने पर परिवार का धार्मिक बहिष्कार कर देते हैं। इस प्रखंड में यह मामला कई महीने से चल रहा है। अब तक 118 परिवार बहिष्कृत हो चुके हैं। जो परिवार बहिष्कृत हो जाता है, उन्हें कुएं से या अन्य जल स्रोत से पानी नहीं लेने दिया जाता। किसी की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार में दिक्कत खड़ी की जाती है। गांव के अन्य लोगों को मना कर दिया गया है कि इन लोगों से बातचीत ना करें। धार्मिक कार्यक्रम में इन लोगों के आने की मनाही कर दी गई है। कोई भी प्रशासनिक योजना का काम हो तो प्रधान उस कागजात पर वर्तमान प्रधान हस्ताक्षर नहीं करते हैं।

मीटिंग कर घोषित किया नया ग्राम प्रधान

इन बहिष्कृत परिवारों ने 13 अप्रैल को डुमरिया प्रखंड के छोटा अस्ति गांव में सोनाराम हेंब्रम की अध्यक्षता में बैठक की थी। इस बैठक में गुरा हेंब्रम को नया ग्राम प्रधान भी घोषित कर दिया गया है। अब यह लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि जिन लोगों को नया ग्राम प्रधान बनाया गया है। उसे प्रशासनिक स्वीकृति दी जाए। खरीदा गांव के भागमत सोरेन का कहना है कि वह लोग भी सरना धर्म के ही मानने वाले हैं। ग्राम प्रधान भी सरना धर्म के मानने वाले हैं। फिर भी इन 118 परिवारों को बहिष्कृत कर दिया गया है।

स्कूल में भी हो रही परेशानी

गांव के मनीराम मुर्मू के बेटे कुंवर मुर्मू ने बताया कि वह कक्षा 8 में पढ़ता है। लेकिन, स्कूल में अन्य छात्र उससे बातचीत नहीं करते। उसके साथ खेलते नहीं है। छात्र ने बताया कि कमोबेश यही स्थिति सभी बहिष्कृत परिवारों के बच्चों के साथ है। गांव में भी इन्हें खेलना नहीं दिया जाता।

Read also – Jamshedpur Crime: छिनतई गिरोह के लिए हथियार छिपाने के आरोपी गुरचरण सिंह बिल्ला की अग्रिम जमानत खारिज

Related Articles