Jamshedpur Water Crisis : बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष और भाजपा जिला मुख्यालय प्रभारी सुबोध झा ने गोविंदपुर ग्रामीण जलापूर्ति योजना की बिगड़ती स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह योजना भी जल्द ही उसी रास्ते पर जाती दिख रही है जिस पर बागबेड़ा की जलापूर्ति योजनाएं बर्बाद हो चुकी हैं।
शनिवार को उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की लापरवाही और ठेकेदारों के भ्रष्टाचार के कारण बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना और बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना पूरी तरह से विफल हो गई हैं। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद इलाके के लोग आज भी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन दोनों योजनाओं में फिल्टर प्लांट के निर्माण के लिए आवंटित फंड का भारी दुरुपयोग किया गया, लेकिन इसके बावजूद न तो विभागीय अधिकारियों पर कोई कार्रवाई हुई, न ही जनहित याचिका का कोई असर देखने को मिला। उन्होंने कहा कि यही कहानी अब गोविंदपुर जलापूर्ति योजना की भी होती नजर आ रही है।
सुबोध झा ने बताया कि इस योजना से फिलहाल तो पानी मिल रहा है, लेकिन जल्द ही यहां भी पानी की आपूर्ति बंद हो जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम जल स्वच्छता समिति और संबंधित विभाग ने इस योजना में भी करोड़ों रुपये की हेराफेरी की है। सामान्य वर्ग से 450 रुपये और एससी-एसटी वर्ग से 225 रुपये प्रति परिवार वसूले गए, लेकिन सूचना के अधिकार (RTI) के तहत पूछे जाने पर भी कोई लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं कराया गया।
उन्होंने कहा कि इस गड़बड़ी पर कोई भी अधिकारी जवाबदेह नहीं है, जिससे साफ होता है कि भ्रष्टाचारियों को प्रशासनिक संरक्षण मिला हुआ है।शनिवार को प्रखंड कार्यालय और उपायुक्त के जनता दरबार में समिति ने इन मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया। विशेष रूप से बागबेड़ा जलापूर्ति योजनाएं, गोविंदपुर योजना, राशन, कचरा प्रबंधन और जलजमाव जैसी समस्याएं सामने रखी गईं। इस अवसर पर समिति के अन्य सदस्य विनोद राम, पवित्रा पांडे और मनोज कुमार भी उपस्थित थे।