बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के विस्थापितों और रैयतों ने 3 और 4 अप्रैल को नियोजन और मुआवजे की मांग को लेकर बीएसएल गेट पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में प्रेम महतो नामक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया।
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल, 500 प्रदर्शनकारियों पर दर्ज हुए केस
प्रदर्शन के बाद बीएसएल प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक स्थानीय नौकरी दी, लेकिन इसी के साथ लगभग 500 प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया। इस कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं और इसे दमनकारी नीति करार दिया जा रहा है।
जयराम महतो ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
डुमरी विधायक और जेएलकेएम अध्यक्ष जयराम महतो ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है ताकि दोषियों को सजा और निर्दोषों को न्याय मिल सके।

पत्र में महतो ने केंद्र सरकार से अपील की है कि राज्य सरकार और बीएसएल प्रबंधन की भूमिका की भी जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि यह घटना विस्थापितों और आम जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
मामले ने पकड़ा राजनीतिक तूल
यह मुद्दा अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। कई सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने भी विस्थापितों के समर्थन में आवाज बुलंद की है। ऐसे में अब निगाहें केंद्र सरकार पर टिकी हैं कि वह इस संवेदनशील मामले में क्या कदम उठाती है।