जमशेदपुर: राज्य के विश्वविद्यालयाें में कार्यरत संविदा आधारित शिक्षकाें की तरह (JH Teacher Association) अतिथि शिक्षकाें काे भी नीड बेस्ड शिक्षक बताए जाने का विराेध शुरू हाे गया है। झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है। संघ ने एक बयान जारी कर कहा है कि दिनांक 12 जनवरी 2024 को उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल कुमार पुरवार ने पत्रकार वार्ता में एक बात कही है कि अतिथि शिक्षकों को भी अब नीड बेस्ड के नाम से जाना जाएगा जो आपत्ति योग्य और निंदनीय है।
जब घंटी आधारित शिक्षकों का नाम आवश्यकता आधारित करने का निर्णय झारखंड कैबिनेट ने किया है तो अतिथि शिक्षकों का नाम प्रधानसचिव बिना कैबिनेट के निर्णय के कैसे कर सकते हैं। हम आवश्यकता आधारित शिक्षकों को अतिथि शिक्षकों के बेतन बढ़ाने से कोई आपत्ती नहीं है लेकिन जब दोनों की नियुक्ति का पैमाना अलग अलग है तो नाम एक कैसे हो सकता है।
(JH Teacher Association) अतिथि शिक्षकाें की नियुक्ति में नियमाें का पालन नहीं हाेता:
संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि पूर्व में घंटी आधारित वर्तमान में आवश्यकता आधारित शिक्षकों की नियुक्ति सरकार के संकल्प के बाद विश्वविद्यालयों द्वारा विज्ञापन जारी कर यूजीसी के मापदंडों को पूरा करते हुए किया गया था जबकि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में इन नियमों का पालन नहीं किया गया था। फिर दोनों को एक पहचान कैसे संभव है? सरकार के अधिकारी जब कोई बात पत्रकार वार्ता में करते हैं तो उन्हें उसके विषय में संपूर्ण जानकारी रख कर करना चाहिए।
मुख्यमंत्री से मिलकर आपत्ति दर्ज कराएगा संघ:
झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ की ओर से कहा कि उनका एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री सह विभागीय मंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर इस विषय पर अपनी आपत्तियाें काे उनके समक्ष दर्ज कराएगा। हमें उम्मीद है कि सीएम हमारी बाताें काे सुनेंगे।
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