रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शनिवार को कांग्रेस विधायकों ने नल जल योजना को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस के तीन विधायकों ने पेयजल और स्वच्छता मंत्री योगेंद्र प्रसाद पर विभागीय आंकड़ों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सदन में हंगामा खड़ा कर दिया।
यह विवाद कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगारी के विधानसभा क्षेत्र कोलेबिरा से संबंधित था। कोंगारी ने सदन में अपने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विभाग द्वारा दिए गए आंकड़े पूरी तरह से गलत हैं। उन्होंने बताया कि विभाग का दावा था कि कोलेबिरा में 63,666 घरों में नल जल योजना के तहत पानी पहुंचाने का लक्ष्य था, और 61,783 घरों में पानी पहुंचा दिया गया था, जो कि 97 प्रतिशत उपलब्धि बताई जा रही थी। कोंगारी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि यह आंकड़ा झूठा है।
आंकड़ों में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया
इसके बाद, कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप भी सदन में उठ खड़े हुए और कहा कि वह आंकड़ों में उलझकर किसी बहस में नहीं पड़ना चाहते, क्योंकि आंकड़ा ही पूरी तरह गड़बड़ है। उन्होंने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में भी स्थिति बिल्कुल वैसी ही है।
फिर भूषण बाड़ा ने सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र में नल जल योजना का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में 1.21 लाख घरों के मुकाबले 1.20 लाख घरों में पानी पहुंचाने का दावा किया गया है, लेकिन हकीकत में किसी भी पंचायत या गांव में नल जल योजना का लाभ नहीं मिला है।
मंत्री ने मामले की जांच का आदेश दिया
इस हंगामे के बाद, विभागीय मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने जांच का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि वह मामले की जांच कराएंगे और रिपोर्ट मिलने के बाद नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। इसके बाद, मामला शांत हुआ।
वन भूमि को लेकर सुदिव्य सोनू ने दी सफाई
सदन में विधायक कुमार उज्जवल ने इटखोरी के भद्रकाली मंदिर के सर्वांगीण विकास का मुद्दा उठाया। इस पर मंत्री सुदिव्य सोनू ने जवाब दिया कि यह योजना 493 करोड़ रुपये की थी, जिसमें जापान की जेआइसीए से फंडिंग प्राप्त करने का निर्देश 2017 में पूर्व सरकार द्वारा दिया गया था। इस परियोजना के लिए केंद्र और राज्य से कोई राशि आबंटित नहीं की गई थी। उन्होंने बताया कि 167 एकड़ भूमि में से 126 एकड़ वन भूमि है, और वन भूमि को किसी गैर-वनीकरण कार्य के लिए हस्तांतरित नहीं किया जा सकता।
देवघर में पानी संकट पर मंत्री ने दी जानकारी
विधायक सुरेश पासवान ने देवघर में पानी संकट का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि देवघर में 374 करोड़ रुपये की योजना है, जो पुनासी डेम से पानी आपूर्ति करने के लिए बनाई गई थी। हालांकि, इस योजना को 2026 तक पूरा करने का समय दिया गया है, और फिलहाल शहर को 78 टैंकरों से पानी दिया जा रहा है।
मंत्री सुदिव्य सोनू ने बताया कि इस योजना का टेंडर जुलाई 2020 में निष्पादित किया गया था, और अब तक 68 फीसदी भौतिक प्रगति हो चुकी है। फिलहाल, पानी संकट को दूर करने के लिए 78 टैंकरों से पानी सप्लाई किया जा रहा है और 1,183 चापानल दुरुस्त कर दिए गए हैं।